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इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली: भारत के पूर्व खिलाड़ी सबा करीम का कहना है कि टीम इंडिया (Team India) के लिए बेशक ज़िम्बाब्वे का यह दौरा एकतरफा साबित हुआ। लेकिन इस दौरे पर टीम ने जिन खिलाड़ियों को आजमाया, उन सभी ने टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन किया।
जिसे पॉज़ीटिव संकेत कहा जा सकता है। इसी साल टी-20 वर्ल्ड कप होना है और उसके लिए चुने जाने वाले भारतीय दल पर सबकी नज़रें टिकी हैं। इसे ध्यान में रखते हुए ज़्यादातर खिलाड़ियों ने इस दौरे पर मिले मौकों का फायदा उठा कर अपनी दावेदारी पेश कर दी है।
हालांकि तीसरे मुकाबले में मेजबान जिम्बाब्वे की टीम ने भी अच्छा खासा जज्बा दिखाया। इस मैच में ज़िम्बाब्वे के कई गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों पर हावी होते दिखे। इसी वजह से टीम इंडिया 350 के स्कोर तक नहीं पहुंच पाई। क्योंकि उससे उम्मीद ऐसे ही प्रदर्शन की थी।
लेकिन जिम्बाब्वे की सूझबूझ वाली गेंदबाजी के सामने भारतीय बल्लेबाज 300 तक भी नहीं पहुंच पाए। गौरतलब है कि भारतीय टीम के पास बल्लेबाजी में काफी गहराई थी। जिसमें अक्षर पटेल, दीपक चाहर और शार्दुल ठाकुर के पास भी अंतिम ओवरों में तेज बल्लेबाज़ी करने का अच्छा अनुभव था।
लेकिन ये तीनों बल्लेबाज इस अहम मौके पर असफल होते नज़र आए। यहां तारीफ शुभमन गिल की करनी होगी। उन्होंने ऐसे समय में समझदारी के साथ बल्लेबाजी की। जबकि अन्य बल्लेबाज इस पिच पर जूझते नज़र आ रहे थे।
वहीं गिल के अलावा इस दौरे पर ईशान किशन और संजू सैमसन ने भी प्रभावित किया है। जिस तरह तीसरे मैच में ईशान किशन ने अपने अटैकिंग खेल के विपरीत जाकर अपनी पारी को संभल कर आगे बढ़ाया और टीम को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। कुछ इसी तरह का खेल संजू सैमसन से दूसरे मैच में देखने को मिला था।
जब एक छोर से भारतीय पारी लड़खड़ा रही थी। तब उन्होंने सूझबूझ के साथ खेलते हुए भारतीय टीम को जीत दिलाई। इसके अलावा गेंदबाजी में जिस तरह सीरीज के शुरूआती दो मुकाबलों में भारतीय गेंदबाज जिस आत्मविश्वास से गेंदबाजी कर रहे थे। उस तरह की लय तीसरे मैच में नजर नहीं आई। यही कारण था कि जिम्बाब्वे की टीम सिर्फ 13 रनों से हारी।
ऐसे में आने वाले समय में जितने भी बड़े अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबले खेले जाने हैं। उनसे पहले टीम इंडिया (Team India) को इन खामियों पर जरूर ध्यान देना होगा। क्योंकि एशिया कप में भी चंद कुछ दिन बाकी हैं और टीम इंडिया बिल्कुल नहीं चाहेगी कि इन गलतियों का खमियाजा उन्हें वहां भुगतना पड़े।
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