INDIA NEWS: 38वें राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ के वेटलिफ्टर विजय कुमार ने इतिहास रचते हुए पुरुषों की 55 किग्रा भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 143 किग्रा क्लीन एंड जर्क में उठाकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी की और कुल 248 किग्रा (105 किग्रा स्नैच + 143 किग्रा क्लीन एंड जर्क) वजन उठाकर प्रतियोगिता में शीर्ष स्थान हासिल किया। विजय की इस ऐतिहासिक जीत ने पूरे खेल जगत को रोमांचित कर दिया।
विजय की यह जीत सिर्फ एक पदक नहीं, बल्कि उनके कठिन परिश्रम, संघर्ष और अटूट समर्पण की कहानी है। एक साधारण परिवार से आने वाले विजय के पास महंगे पोषण सप्लीमेंट या विशेष प्रशिक्षण के लिए संसाधन नहीं थे, लेकिन उनके सपने हमेशा बड़े थे। शुरुआती दिनों में उनका आहार सामान्य ‘दाल-चावल’ था, लेकिन उनकी महत्वाकांक्षा हमेशा ऊंची रही।
Vijay Kumar Equals National Record with 143kg Clean and Jerk to Clinch Gold in 55kg Weightlifting Category
अपनी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर विजय ने कहा, “मेरे माता-पिता को वेटलिफ्टिंग में कोई भविष्य नहीं दिखता था। वे चाहते थे कि मैं इसे छोड़ दूं, लेकिन यह मेरा जुनून था, मेरा एकमात्र लक्ष्य। आज का स्वर्ण पदक इस बात का प्रमाण है कि मेरा संघर्ष सही था।”
विजय के परिवार ने शुरुआत में उनका खेल में आना सही नहीं समझा, लेकिन आज उनकी यह जीत न केवल उनके लिए बल्कि उनके माता-पिता के लिए भी गर्व का क्षण है।
विजय की इस सफलता की राह आसान नहीं थी। एक समय उनकी हैमस्ट्रिंग की चोट इतनी गंभीर थी कि उन्होंने खुद पर संदेह करना शुरू कर दिया था कि क्या वे कभी शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे।
यह स्वर्ण पदक विजय के लिए सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि उनके माता-पिता और कोच के प्रति समर्पण का प्रतीक भी है। विजय ने भावुक होते हुए कहा, “यह पदक उन्हीं के लिए है। उन्होंने मुझ पर भरोसा किया, जब किसी और ने नहीं किया।”
कुछ सप्ताह पहले, विजय ने सोशल मीडिया पर एक प्रेरणादायक संदेश साझा किया था: “मेरा सफर तब तक जारी रहेगा, जब तक मैं सफल नहीं हो जाता।” और आज, उन्होंने अपने शब्दों को सच कर दिखाया।
विजय कुमार की यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि हर युवा एथलीट के लिए प्रेरणा है। यह दिखाती है कि यदि हौसले बुलंद हों और मेहनत में कोई कमी न हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। उनका सफर हमें सिखाता है कि कठिनाइयों से घबराने के बजाय उनसे लड़कर जीतना ही असली सफलता है।
विजय की इस जीत के साथ छत्तीसगढ़ ने 38वें राष्ट्रीय खेलों में वेटलिफ्टिंग में अपना दबदबा बढ़ा लिया है। राज्य के अन्य एथलीटों को भी इस प्रेरणादायक प्रदर्शन से नई ऊर्जा मिलेगी और वे भी पदक जीतने के लिए और अधिक मेहनत करेंगे।
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