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India News (इंडिया न्यूज), Vinesh Phogat Disqualified: भारतीय पहलवान विनेश फोगट ने बुधवार (7 अगस्त) को पेरिस में 2024 ओलंपिक में कुश्ती फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ कोर्ट ऑफ एब्रिट्रेशन फॉर स्पोर्ट में अपील की। उन्होंने मांग की है कि उन्हें इस इवेंट के लिए रजत पदक दिया जाना चाहिए। उन्हें महिलाओं की 50 किग्रा श्रेणी के स्वर्ण पदक मैच से केवल 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित किया गया था। वहीं अयोग्य ठहराए जाने पर विनेश फोगाट ने दुखी मन से कहा कि यह खेल का हिस्सा है।
कोर्ट ऑफ एब्रिट्रेशन फॉर स्पोर्ट का स्थापना साल 1983 में किया गया था। यह एक स्वतंत्र संस्था है जो मध्यस्थता और मध्यस्थता के माध्यम से खेलों से संबंधित विवादों का समाधान करती है। वहीं CAS का उद्देश्य खेल से संबंधित विवादों का समाधान करना है। जो सामान्य मध्यस्थता के माध्यम से या खेल निकायों या संगठनों के निर्णयों के खिलाफ अपील के माध्यम से इसके समक्ष प्रस्तुत किए जाते हैं। साल 1993 में, कोर्ट ऑफ एब्रिट्रेशन फॉर स्पोर्ट एक नया प्रशासन और वित्तपोषण निकाय अंतर्राष्ट्रीय खेल मध्यस्थता परिषद बनाकर और एक नया निर्णय ढांचा अपनाकर पूरी तरह से स्वतंत्र हो गया।
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बता दें कि, खेल मध्यस्थता न्यायालय ओलंपिक में किसी खिलाड़ी के पक्ष में फैसला सुनाता है, तो विवाद की प्रकृति के आधार पर कई संभावित परिणाम हो सकते हैं। यदि विवाद में पदक या रिकॉर्ड छीनने की बात शामिल है, तो खिलाड़ी के पक्ष में फैसला सुनाए जाने पर उन पुरस्कारों की बहाली होगी। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति या संबंधित खेल महासंघ औपचारिक रूप से पदकों को बहाल करेगा और आधिकारिक रिकॉर्ड को अपडेट करेगा। CAS के निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होते हैं। स्विस संघीय न्यायाधिकरण में केवल बहुत सीमित आधारों पर ही अपील संभव है, मुख्य रूप से प्रक्रियात्मक या अधिकार क्षेत्र संबंधी त्रुटियाँ। दरअसल, सीएएस खेल महासंघ या आईओसी से एक सार्वजनिक बयान जारी करने की मांग कर सकता है। जिसमें फैसले को स्वीकार किया जाए और किसी भी पिछले बयान को सही किया जाए, जिससे खिलाड़ी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा हो।
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