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डी वाई चंद्रचूड़ के मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट में 6,844 मामलों का हुआ निपटारा

इंडिया न्यूज़ (नई दिल्ली, 6,844 cases Disposed in Supreme court after DY Chandrachud Take charge as CJI ): सुप्रीम कोर्ट में भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के 9 नवंबर को कार्यभार संभालने के बाद से 6,844 मामलों का निपटारा किया है। 9 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच सुप्रीम कोर्ट ने 6,844 […]

BY: Roshan Kumar • UPDATED :
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इंडिया न्यूज़ (नई दिल्ली, 6,844 cases Disposed in Supreme court after DY Chandrachud Take charge as CJI ): सुप्रीम कोर्ट में भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के 9 नवंबर को कार्यभार संभालने के बाद से 6,844 मामलों का निपटारा किया है।

9 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच सुप्रीम कोर्ट ने 6,844 मामलों को निपटाया जबकि इस दौरान 5,898 मामले सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किये गए। जिन मामलों को निपटाया गया उनमें 2,511 स्थानांतरण और जमानत याचिकाएं भी शामिल है।

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Pic credit: (Bar and Bench).

जमानत याचिकाओं पर जोर

CJI चंद्रचूड़ ने नवंबर में जमानत और स्थानांतरण याचिकाओं के त्वरित निपटान पर जोर दिया था और घोषणा की थी कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा था कि जमानत के मामलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि वे व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित हैं।

उन्होंने कहा था कि शीर्ष अदालत की प्रत्येक पीठ सप्ताह के प्रत्येक दिन 10 जमानत मामलों और 10 स्थानांतरण याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।स्थानांतरण याचिका के मामलों में वैवाहिक विवाद शामिल होते हैं जहां एक पक्ष मामले को दूसरी जगह स्थानांतरित करना चाहता है।

कानून मंत्री ने दिया था बयान

केवल सर्वोच्च न्यायालय के पास एक ही राज्य या अन्य राज्य में मामलों को एक अदालत से दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने की शक्ति है।

शीर्ष अदालत में निपटान की उच्च दर का डेटा तब आया जब कानून और न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने राज्यसभा में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को ऐसे समय में ज़मानत अर्जियों और तुच्छ जनहित याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए जब मामलों की पेंडेंसी इतनी अधिक है।

शुक्रवार को सीजेआई ने टिप्पणी की, “यदि सर्वोच्च न्यायालय को व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना था, तो हम यहां किस लिए हैं? हम यहां अंतरात्मा की आवाज और नागरिकों की स्वतंत्रता के लिए पुकार का जवाब देने के लिए हैं।

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Chief Justice of IndiaCJI ChandrachudSCsupreme court

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