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इंडिया न्यूज़: (Cancer Causing Chemical in Beer) यूरोपियन हेल्थ एक्सपर्ट ने एक नया प्रयोग किया है। जिसमें उन्होंने पाया कि बीयर और ट्रीटेट मीट में कैंसर के लिए जिम्मेदार रासायनिक पदार्थ मौजूद होते है। इससे पहले किए गए अध्ययनों में बताया गया है कि प्रोसेस्ड मीट में भी कैंसरकारी तत्व होते हैं। जिसके चलते वैज्ञानिकों ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे बीयर और प्रोसेस्ड मीट का इस्तेमाल से दूर रहे।
यूरोपियन यूनियन के हेल्थ एक्सपर्टन ने कहा है कि कुछ प्रोसेस्ड मीट और बीयर में नाइट्रोसेमाइन जैसे हानिकारक रसायन पाया गया है। जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। नाइट्रोसेमाइन एक ऐसा खतरनाक केमिकल है। जो लोगों में लंग्स, ब्रेन, लिवर, किडनी, गला और पेट का कैंसर पैदा कर सकता है। पर नाइट्रोसेमाइन बीयर या मीट में मिलाया नहीं जाता है। बल्कि यह नाइट्रेट और सेकेंडरी एमिन्स के रिएक्शन से बनता है।
हेल्थ एक्सपर्ट ने पूरे यूरोप में आसानी से मिलने वाले करीब 10 फूड और ड्रिंक्स पर रिसर्च किया है। जिसमें उन्होंने 10 अलग-अलग तरह के नाइट्रोसेमाइन को चिन्हित किया है। इसके बाद यूरोपीय यूनियन ने एक सेफ्टी वार्निग जारी कर दि है। जिसमें इसके असर को कम करने के उपाय भी बताए गए हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार जिस मीट को ज्यादा दिनों तक रखने के लिए उसमें कई चीजें मिलाई जाती है या मीट से कई अन्य चीजें बनाई जाती है। उस मीट में नाइट्रोसेमाइन पाया जाता है। जिसे क्योर्ड मीट भी कहा जाता है। इसके अलावा प्रोसेस्ड फिश, कोकोआ, बीयर, मिल्क, सेरेल्स और कुछ सब्जियों में नाइट्रोसेमाइन पाया जाता है।
साथ ही यूरोपिय यूनियन के हेल्थ एक्सपर्ट ने लोगों को शरीर से नाइट्रोसेमाइन टॉक्सिन के असर को कम करने के लिए सलाह दी है। जिसमें उन्होंने बैलेंस और हेल्दी फूड का सेवन करने का कहा है। एक्सपर्ट ने यह भी कहा 10 हानिकारक नाइट्रोसेमाइन अगर किसी फूड में बनता है। तो इसकी सूचना उस फूड के पैकेट पर होनी चाहिए। इसके साथ ही प्रोसेस्ड मीट पर भारी टैक्स लगाया जाए ताकि लोग इसका कम से कम सेवन करें।
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