संबंधित खबरें
Himachal BPL Rules: सरकार ने बदली 'गरीबी' की परिभाषा, जानें अब कौन कहलाएगा गरीब? BPL के नए नियम जारी
नए साल पर घूमने जानें से पहले पढ़े UP-NCR की ट्रैफिक एडवाइजरी, ये हैं रूटों का प्लान
Maha Kumbh 2025: कुंभ की तैयारियों को देख अखिलेश ने बांधे तारीफों के पुल, बोले- कमियों की तरफ खींचते रहेंगे ध्यान
kota Night Shelters: खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग, अब तक नहीं किया गया रैन बसेरे का इंतजाम
Kotputli Borewell Rescue: 65 घंटे से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी, मां की बिगड़ी तबीयत
Ajmer Bulldozer Action: दरगाह के पास चला निगम का पीला पंजा, अवैध अतिक्रमण साफ, कार्रवाई से क्षेत्र में मचा हड़कंप
India News (इंडिया न्यूज़), Bihar Caste Survey, दिल्ली: उच्चतम न्यायालय बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण कराने के बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ दायर नयी याचिका पर शुक्रवार को 28 अप्रैल को सुनवाई करने पर सहमत हो गया। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मामले की तत्काल सुनवाई की मांग करने वाले एक वकील की दलीलों पर यह बात कही।
वकील ने पीठ को बताया कि जाति सर्वेक्षण 15 अप्रैल को शुरू हुआ और 15 मई को समाप्त होने वाला है। पीठ ने कहा कि वह मामले को 28 अप्रैल को सुनवाई के लिए रखेगी। शीर्ष अदालत ने 20 जनवरी को बिहार सरकार के राज्य में जाति सर्वेक्षण कराने के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने 6 जून 2022 को जातीय जनगणना की अधिसूचना जारी कर दी थी। इस सर्वे के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसका पहला चरण समाप्त हो गया है अभी दूसरा चरण चल रहा है। जिसके मई तक पूरा होने की उम्मीद है। जातिगत सर्वेक्षण 38 ज़िलों में कराया जाएगा। इन ज़िलों में 534 ब्लॉक्स और 261 शहरी स्थानीय निकाय हैं।
यह भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.