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इंडिया न्यूज: (Border Dispute Between India and China): भारत और चीन के बीच सीमा विवाद अभ आम बात है। आए दिन दोनों ही देशों के बीट सिमा को लेकर विवाद देखने को मिल ही जाता है। ऐसे में एक बार फिर चीन के मंसूबे कुठ अच्ठे नहीं लग रहे हैं। नई दिल्ली में पिछले हफ्ते की जी20 बैठक के मौके पर भारत और चीन के बीच प्रदर्शित कूटनीतिक मेलजोल के बावजूद, ऐसा लगता है कि पड़ोसी देश ने फिर से गलवान घाटी में हुई हिंसा जैसी घटना को दोहराने के लिए अपनी नापाक तैयारी शुरू कर दी है। बता दें भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में 32 महीनों से अधिक समय से सीमा पर गतिरोध बना हुआ है। जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत-चीन के बीच तनातनी बढ़ गई थी।
जानकारी के अनुसार चीन 2020 के घातक गलवान संघर्ष के दौरान इस्तेमाल किए गए हाथ से लड़ने वाले हथियारों को खरीदने में व्यस्त है। इस बात का खुलासा अंग्रेजी वेबसाइट ‘इंडिया टुडे’ की एक रिपोर्ट में की गई है। ऐसे में विशेषज्ञों को इस बात की आशंका है कि इन हथियारों का इस्तेमाल विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सैनिकों के खिलाफ किया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 2020 की गलवान घाटी झड़प में इस्तेमाल किए गए ‘कोल्ड वेपन्स’ की कैटेगरी से संबंधित ‘नुकीले छड़ी जैसे दिखने वाले’ हथियार खरीदे हैं, बता दें इस झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गई थी। झड़प के कारण चीन के साथ सैन्य गतिरोध के हालात बने और पीछे हटने की प्रक्रिया पर दोनों पक्षों में कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। इस हथियार को ‘संयुक्त छड़ी’ बोलते हैं, जिसे स्पाइक्स और धारदार किनारों को जोड़कर युद्ध के लिए तैयार किया गया है।
बता दें चीनी सेना ने इस साल जनवरी में नुकीले हथियार खरीदने के लिए टेंडर दिया था और एक माह बाद इसकी खरीदारी की गई। ये नुकीले हथियार भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बेहद खास बन गए हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, तियानजिन में पीपुल्स आर्म्ड पुलिस ने अतीत में इन नुकीले छड़ियों का इस्तेमाल गश्त के दौरान अपराधियों से निपटने के लिए किया है। पीएलए के जवानों को युद्ध में नुकीले हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए भी प्रशिक्षित किया गया है। एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि पीएलए ने 2,600 ऐसे नुकील हथियार खरीदने का ऑर्डर दिया है।
ये भी पढ़ें – India imports the least number of weapons: सबसे कम हथियार खरीदने के बाद भी पाकिस्तान से आगे है भारत, जानिए रिपोर्ट
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