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क्यों जरूरी है बूस्टर डोज ? कहां लगेगी ? किसको लगेगी ? सभी जरूरी सवालों के जवाब जानें

PUBLISHED BY: Harpreet Singh • LAST UPDATED : July 18, 2022, 1:03 pm IST
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क्यों जरूरी है बूस्टर डोज ? कहां लगेगी ? किसको लगेगी ? सभी जरूरी सवालों के जवाब जानें

Covid Vaccine Booster Dose

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली | Covid Vaccine Booster Dose : देश में कोरोना वैक्सीनेशन का आंकड़ा 200 करोड़ को पार कर चुका है। ऐसे में अब ज्यादा सुरक्षा के लिए सरकार ने बूस्टर डोज लगवाने पर भी काम शुरू कर दिया है। पूरे देश में सरकारी केंद्रों पर 18 से 59 वर्ष के सभी नागरिकों को कोरोना वैक्सीन बूस्टर डोज फ्री में लगाई जाएगी। कुछ विशेषज्ञों का तो यह भी मानना है कि हर 6 महीने में बूस्टर डोज दी जानी चाहिए।

पहले 60 वर्ष से ज्यादा के नागरिकों को ही फ्री में बूस्टर डोज लगाई जा रही थी लेकिन अब सभी को बूस्टर डोज फ्री में लगेगी। देश में सभी सरकारी सेंटर्स पर बूस्टर डोज लगवाई जा सकेगी। हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि सिर्फ 75 दिनों तक ही फ्री में बूस्टर डोज लगाई जाएगी। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो अभी तक देश में 96 प्रतिशत आबादी को पहली और 87 प्रतिशत आबादी को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है।

सरकार ने इस साल 10 अप्रैल से बूस्टर डोज लगाने का अभियान आरंभ किया था। हालांकि कई लोग बूस्टर डोज लगवाने से घबरा रहे हैं। वहीं कई स्टडी में सामने आया है कि समय के साथ इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। जिसके चलते बूस्टर डोज ही कोरोना से बचाव में सहायक सिद्ध होगी।

महामारी पर काबू पाने के लिए बूस्टर डोज जरूरी है। वहीं कुछ लोगों के मन में बूस्टर डोज को लेकर कई तरह की आशंकाएं हैं। आपके सभी सवालों का जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेगा। बूस्टर डोज क्यों जरूरी है ? बूस्टर डोज किसे लगवानी चाहिए ? आइए जानते हैं आपके सवालों के जवाब…..

क्या सभी जगह फ्री में लगेगी बूस्टर डोज ?

Covid Vaccine Booster Dose Important For all

Covid Vaccine Booster Dose Important For all

  • सरकार ने कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए बूस्टर डोज लगवाना आरंभ किया है। पहले 60 साल से ऊपर के नागरिकों को फ्री में बूस्टर डोज लगाई जा रही थी। अब 18 से 59 साल की उम्र के लोगों को भी फ्री में बूस्टर डोज लगाने का फैसला लिया है। यह डोज सिर्फ सरकारी केंद्रों पर ही फ्री में लगाई जाएगी।
  • कोरोना बूस्टर डोज सिर्फ सरकारी केंद्रों पर फ्री में लगाई जाएगी। प्राइवेट अस्पतालों में डोज लगवाने पर उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
  • 15 जुलाई से बूस्टर डोज लगनी आरंभ हुई है। सरकार की पॉलिसी के अनुसार 75 दिनों तक डोज फ्री में लगाई जाएगी। उसके बाद कीमत चुकानी होगी।

क्या प्राइवेट सेंटर मनमानी कीमत वसूल सकेंगे ?

  • बूस्टर डोज (Covid Vaccine Booster Dose) सिर्फ सरकारी संस्थानों पर ही फ्री में लगाई जा रही है। प्राइवेट अस्पतालों में डोज लगवाने पर आपको चार्ज देना होगा।
  • कोविशील्ड की कीमत सीरम इंस्टीट्यूट ने 225 रुपए कर दी है। वहीं भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन की कीमत 1200 रुपए से कम कर 225 रुपए कर दी है।
  • प्राइवेट अस्पताल अपने मन मुताबिक चार्ज नहीं वसूल सकते। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्राइवेट अस्पताल 150 रुपए से ज्यादा नहीं ले सकते। इसका मतलब अगर आप तीसरी डोजल लगवाते हैं तो तीनों डोज के आपको 375 रुपये खर्च करने होंगे।

क्या बूस्टर डोज किसी भी कंपनी की लग सकती है ?

  • ऐसा नहीं है कि आप किसी भी कंपनी की बूस्टर डोज (Covid Vaccine Booster Dose) लगवा सकते हैं। आपको वही बूस्टर डोज लगेगी जिस कंपनी की आप पहले दो डोज लगवा चुके हैं। सरकार ने अभी मिक्स वैक्सीन लगाने की अनुमति नहीं दी है।
  • अगर आपको पहले कोवैक्सीन लगी है तो बूस्टर डोज कोवैक्सीन की होगी। वहीं अगर पहले कोविशील्ड लगी है तो बूस्टर डोज कोविशील्ड की होगी।

बूस्टर डोज लगवाने के लिए क्या करना होगा ?

  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले ही साफ कर दिया है कि बूस्टर डोज लगवाने के लिए किसी प्रकार के रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं होगी। इसके लिए आप अपने पुराने अकाउंट का प्रयोग कर सकते हैं। कोविन पर बने अकाउंट में दर्ज है कि आपने दूसरी डोज कब लगवाई है। दूसरी डोज के 6 महीने पूरे होने पर आप बूस्टर डोज लगवा सकेंगे।
  • दूसरी डोज लगने के 6 महीने पूरे होने पर आपके पास कोविन वेबसाइट की तरफ से मैसेज आएगा। जिसके बाद कोविन पोर्टल पर जाकर बूस्टर डोज के लिए स्लॉट बुक करवा सकते हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए ऑफलाइन स्लॉट भी बुक करवाने की सुविधा दे रखी है।

क्या कोरोना संक्रमण होने के बाद लग सकती है बूस्टर डोज ?

कोरोना संक्रमण होने के तुरंत बाद आप वैक्सीन नहीं लगवा सकते। स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार कोरोना संक्रमण से ठीक होने के 3 महीने बाद ही आप बूस्टर डोज ले सकते हैं। वहीं अगर आप दो डोज लेने के बाद भी कोराना संक्रमित हो चुके हैं तो भी रिकवरी के 3 महीने बाद बूस्टर डोज लगवा सकते हैं।

गर्भवती महिलाओं को लगवानी चाहिए बूस्टर डोज ?

जब से कोरोना वैक्सीनेशन आरंभ हुआ है। सभी के मन में यह सवाल रहा है कि क्या गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगवानी चाहिए। शुरू से यह चिंता रही है कि वैक्सीन का गर्भवती महिलाओं पर दुष्प्रभाव न पड़े। जिसके बाद लोगों के संशय को दूर करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक दस्तावेज जारी किया था।

जिसमें गर्भवती महिलाओं की चिंता से जुड़े सभी सवालों का जवाब था। दस्तावेज में स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कर दिया था कि महिलाओं को कोरोना के हल्के लक्षण हो सकते हैं। जिससे बचने के लिए उन्हें कोरोना वैक्सीन लगवानी चाहिए। वहीं बूस्टर डोज भी गर्भवती महिलाओं को कोरोना के नए लक्षणों से बचाने में मदद करेगी।

क्या बार-बार लगवानी पड़ेग बूस्टर डोज ?

  • कोरोना से लड़ने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने मिलकर कई वैक्सीन का इजाद किया है। वहीं रिसर्च में पता चला है कि कोरोना वैक्सीन हमें कुछ समय के लिए कोरोना संक्रमण से बचाता है। कोरोना के वैरिएंट आए दिन बदल रहे हैं। जिससे उसके नए वैरिएंट से लड़ने के लिए ज्यादा इम्युनिटी की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए सरकार ने बूस्टर डोज लगवानी आरंभ की है।
  • बूस्टर डोज को लेकर भी डॉक्टर्स की अलग-अलग राय है। कुछ डॉक्टर्स का मानना है कि बूस्टर डोज किस तरह काम करती है इसके बारे में अभी कुछ ज्यादा डेटा एकत्रित नहीं हुआ है। वहीं कुछ डॉक्टर्स का तो यह भी मानना है कि जब तक कोरोना महामारी पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाती। हर 6 महीने में बूस्टर डोज लगावानी चाहिए।

क्या बूस्टर डोज लगवाने के बाद संक्रमण नहीं होगा ?

  • दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन की डोज देने के बाद बूस्टर डोज लगवाई गई है। जिसका काफी पॉजिटिव असर देखने को मिला है। वहीं भारत में बूस्टर डोज पर हुई स्टडी में अच्छे रिजल्ट देखने को मिले हैं।
  • स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार ने भी बूस्टर डोज पर रिसर्च करवाई थी। भारती पवार ने 29 मार्च को राज्यसभा में बताया था कि आइसीएमआर की स्टडी के अनुसार बूस्टर डोज की खुराक लेने के बाद एंटीबॉडी बढ़ने का रिजल्ट सामने आया है।
  • तीसरी डोज लेने के बाद कोरोना के खिलाफ लड़ने वाली एंटीबॉडी में 3 से 4 गुना की बढ़ोतरी हुई है।

अब तक कितने लोगों को लगी है बूस्टर डोज?

  • कोरोना का ग्राफ पहले से कम होने पर और कम खतरनाक होने के कारण लोग बूस्टर डोज में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 18 से 59 साल तक की उम्र के 77 करोड़ लोग बूस्टर डोज के लिए एलिजिबल हैं। जिनमें से 1% ने भी कम ने बूस्टर डोज लगवाई है.
  • दूसरी तरफ 60 साल से अधिक उम्र के लोग, हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसी श्रेणियों में आने वाले 16 करोड़ से ज्यादा लोग बूस्टर डोज लगवा चुके हैं। जिनका प्रतिशत 26 है।

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