संबंधित खबरें
Himachal BPL Rules: सरकार ने बदली 'गरीबी' की परिभाषा, जानें अब कौन कहलाएगा गरीब? BPL के नए नियम जारी
नए साल पर घूमने जानें से पहले पढ़े UP-NCR की ट्रैफिक एडवाइजरी, ये हैं रूटों का प्लान
Maha Kumbh 2025: कुंभ की तैयारियों को देख अखिलेश ने बांधे तारीफों के पुल, बोले- कमियों की तरफ खींचते रहेंगे ध्यान
kota Night Shelters: खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग, अब तक नहीं किया गया रैन बसेरे का इंतजाम
Kotputli Borewell Rescue: 65 घंटे से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी, मां की बिगड़ी तबीयत
Ajmer Bulldozer Action: दरगाह के पास चला निगम का पीला पंजा, अवैध अतिक्रमण साफ, कार्रवाई से क्षेत्र में मचा हड़कंप
Crores of Pakistani youth want to leave their country: हाल के दिनों में पाकिस्तान को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आएं हैं जिसमें उनकी आर्थिक स्थिति, मंहगाई, वर्तमान हालात व भविष्य को लेकर बात की गई है। अब उसी सिलसिले में एक और रिपोर्ट सामने आई है जो हैरान करने वाले हैं। जी हां, हाल के रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान की आधी से ज्यादा युवा आबादी अपने ही देश को छोड़ना चाहते हैं। हाल में की गई एक सर्वे के मुताबिक, देश के 67 प्रतिशत युवा देश छोड़ना चाहते हैं। पिछले सर्वे में यह आंकड़ा 62 प्रतिशत था।
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स (पीआईडीई) के वरिष्ठ शोध अर्थशास्त्री डॉ.फहीम जहांगीर खान का कहना है कि देश के 67 प्रतिशत युवा विदेशों में बेहतर अवसर की तलाश में पाकिस्तान छोड़ना चाहते हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि पाकिस्तान में 31 प्रतिशत शिक्षित युवा बेरोजगार हैं। फहीम खान ने सरकार से इस समस्या का समाधान खोजने के लिए युवाओं के मुद्दों पर जोर देने के लिए कहा है। डॉ फहीम पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बहस और चर्चा के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम ‘इकोनफेस्ट’ में बोल रहे थे।
हाइलाइट्स:
यह भी पढ़े: पाकिस्तान से लाखों अमीर मुल्क छोड़कर भागे, बढ़ी संख्या में अचानक लोग हुए गायब
डॉ फहीम ने आगे कहा कि पाकिस्तान में 200 से अधिक विश्वविद्यालय हैं, जहां हजारों की छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। उनमें से आधे से ज्यादा छात्रों को नौकरी/ रोजगार नहीं मिल रहा है। डॉ फहीम ने कहा कि पढ़ाई कर जो बच्चे बाहर निकल रहे हैं उनके पास स्किल्स नहीं होता है क्योंकि विश्वविद्यालयों में इसकी अहमितता पर ध्यान नहीं दिया जाता। नियोक्ता थ्योरी के बजाय स्किल्स की मांग करते हैं। इसलिए शिक्षकों के साथ-साथ सरकार को भी इस ओर ध्यान देना जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि इन दिनोें पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी चिंताजनक हो चुकी है। स्थानीय नागरिकों को रोजमर्रा की चीजों के लिए भटकना पड़ रहा है। यहां तक की खाने-पीने के सामानों की भी भारी किल्लत देखी जा रही है। आलम ये है कि जो खरीदने में सक्षम हैं उन्हें भी आटा और दाल जैसी खाद्य पदार्थो के लिए भटकना पड़ रहा है। आर्थिक विश्लेष्कों का मानना है कि पाकिस्तान की यह स्थिति अभी और भयावह हो सकती है। इसी को देखते हुए पाकिस्तान में अब देश के युवा भी नहीं रहना चाह रहे हैं।
और पढ़े: आर्थिक संकट का सामना कर रहा पाकिस्तान क्या कर्ज चुकाने के लिए बेचेगा परमाणु हथियार! रिपोर्ट में दावा
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.