India News (इंडिया न्यूज़), SCO Meeting in Goa, पणजी: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद का खतरा “बेरोकटोक” जारी है और सीमा पार आतंकवाद सहित इसके सभी रूपों को रोका जाना चाहिए। जयशंकर ने शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक के अपने उद्घाटन भाषण में यह कहा।
- बिलवाल के सामने सुनाया
- अंग्रेजी बनी एससीओ की आधिकारिक भाषा
- आतंकवाद सभी प्रारूपों में रोकना जरुरी
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि दुनिया कोविड और उसके परिणामों का सामना करने में लगी हुई है इसलिए आतंकवाद का खतरा बेरोकटोक जारी है। इस खतरे से अपनी आंखें हटाना हमारे सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक होगा। आतंकवाद का मुकाबला करना एससीओ के मूल प्रतिबद्धताओं में से एक है।
मूल प्रतिबद्धताओं में से एक
विदेश मंत्री ने कहा, “आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल चैनल को बिना किसी भेद के जब्त और अवरुद्ध किया जाना चाहिए। सदस्यों को यह याद दिलाने की आवश्यकता नहीं है कि आतंकवाद का मुकाबला करना एससीओ के मूल प्रतिबद्धताओं में से एक है।”
अंग्रेजी बनी तीसरी भाषा
एससीओ-सीएफएम की बैठक में अपने संबोधन में, जयशंकर ने अंग्रेजी को एससीओ की तीसरी आधिकारिक भाषा बनाने की भारत की लंबे समय से चली आ रही मांग का समर्थन के लिए सदस्य देशों को शुक्रिया कहा।संयुक्त सचिव (जेएस) ईआर धम्मू रवि और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची, इस संबोधन के दौरान जयशंकर के पीछे बैठे थे। संयुक्त सचिव (जेएस) एससीओ योजना पटेल भी उपस्थित थे।
नमस्ते कहकर बधाई
जयशंकर ने कहा, “अफगानिस्तान में हमारी तत्काल प्राथमिकताओं में मानवीय सहायता प्रदान करना, वास्तव में समावेशी सरकार सुनिश्चित करना, आतंकवाद से मुकाबला करना शामिल है।” इससे पहले एस जयशंकर ने सीएफएम बैठक से पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को “नमस्ते” कहकर बधाई दी।
2001 में बना संगठन
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) 2001 में स्थापित एक अंतर सरकारी संगठन है। एससीओ में भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान इसके सदस्य हैं। भारत ने 2022 में समरकंद में आयोजित शिखर सम्मेलन में एससीओ की अध्यक्षता संभाली।
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