Hindi News / Top News / In The Two Day Astrology Conference Former Minister Nandkishore Said From 2025 A Separate Budget Will Be Presented For Astrology

kalidas ceremony: दो दिवसीय ज्योतिष सम्मेलन में पूर्व मंत्री नंदकिशोर ने कहा, '2025 से ज्योतिष के लिए अलग से बजट होगा प्रस्तुत'

India News(इंडिया न्यूज), kalidas ceremony: मध्य प्रदेश के कलियासोत में स्थित वाल्मीकी सभागार में 2 दिवसीय ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन का शुभारंभ किया गया। 11-12 जुलाई को आयोजित होने वाला यह सम्मेलन कालीदास और ज्योतिष पर आधारित है। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न स्थानों से विभिन्न विधाओं में निपुण, करीबन 12 से अधिक प्रांतों के […]

BY: Himanshu Pandey • UPDATED :
ADVERTISEMENT

India News(इंडिया न्यूज), kalidas ceremony: मध्य प्रदेश के कलियासोत में स्थित वाल्मीकी सभागार में 2 दिवसीय ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन का शुभारंभ किया गया। 11-12 जुलाई को आयोजित होने वाला यह सम्मेलन कालीदास और ज्योतिष पर आधारित है। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न स्थानों से विभिन्न विधाओं में निपुण, करीबन 12 से अधिक प्रांतों के 250 से अधिक ज्योतिष शामिल को शामिल किया गया। जिन्होंने ज्योतिष की विभिन्न विधाओं पर मंथन किया। इसके साथ ही करीब 40 से अधिक ज्योतिष महिलाएं भी शामिल हुई थीं।

ज्योतिष के लिए अलग से बजट होगा प्रस्तुत 

इस विशेष अवसर पर ज्योतिष स्मारिका का विमोचन किया गया। साथ ही मंत्री जी नें कहा कि साल 2025 से भारत सरकार द्वारा ज्योतिष के लिए अलग से बजट प्रस्तुत होगा। जिससे भारतीय संस्कृति को मजबूती मिल सके। क्योंकि ज्योतिष हमारे भारत की विधा संस्कृति है। आगे मंत्री जी कहते हैं कि, 19 दिसंबर 2024 से भारत और मजबूती के साथ आगे बढ़ेगा और भारत का कई देशों पर कंट्रोल होगा। भारत शक्तिशाली राष्ट्र बनकर उभरेगा।

kalidas ceremony: दो दिवसीय ज्योतिष सम्मेलन में पूर्व मंत्री नंदकिशोर ने कहा, '2025 से ज्योतिष के लिए अलग से बजट होगा प्रस्तुत'

आचार्य नित्यानंद गिरी ने कहा–

इस अवसर पर आचार्य कहते हैं कि, ज्योतिष की सैकड़ो विधाए हैं। किसी एक विधा में अपनी पकड़ मजबूत बनाएं और इस ज्योतिष के ज्ञान से पीड़ित लोगों की सेवा करें। सभा में शामिल आचार्य हेमचंद्र पांडे ने कहा कि ज्योतिष कोई धन कमाने का नहीं है। यह एक समाज सेवा की विधा है।

कालिदास समारोह का क्या है महत्व

बता दें कि कालिदास समारोह तीन अलग-अलग चरणों में आयोजित होता है। इसका प्रमुख आकर्षण है संस्कृत नाटक और शास्त्रीय नृत्य को दिया जाता है। इसमें सात दिन तक संस्कृत नाटकों और शास्त्रीय नृत्य का प्रदर्शन कियी जाता है। इसके अलावा देश भऱ के विद्वान संस्कृत साहित्य और कालिदास को लेकर शोध पत्रों का वाचन होता है। वही विश्वविद्यालयीन स्तर पर इसमें संस्कृत वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है।

ये भी पढ़े-  Assam: असम के तिनसुकिया में लगी आग, 16 घरों को लिया चपेट में, 3 सिलेंडर हुआ ब्लास्ट

Tags:

Hindi NewsIndia newsMadhya Pradesh NewsPolitics News

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT