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India Will Get Permanent Membership In Un Security Council
UN चीफ के बयान से दावों से मिला बल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को मिलेगी स्थायी सदस्यता?
India News (इंडिया न्यूज़) united nation : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को भी स्थाई सदस्यता दिए जाने की मांग को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के ताज़ा बयान से बल मिला है। बात दें, UN चीफ गुतारेस ने रविवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, वर्ष 1945 के हिसाब से शक्तियों […]
India News (इंडिया न्यूज़) united nation : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को भी स्थाई सदस्यता दिए जाने की मांग को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस के ताज़ा बयान से बल मिला है। बात दें, UN चीफ गुतारेस ने रविवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, वर्ष 1945 के हिसाब से शक्तियों के वितरण को प्रतिबिम्बित करती है और समकालीन समय की वास्तविकताओं के अनुसार शक्तियों के पुनर्वितरण की आवश्यकता बढ़ गई है। मालूम हो, गुतारेस ने हिरोशिमा में जी7 बैठक में पत्रकारों से कहा, ‘यह सुरक्षा परिषद में सुधार करने का समय है। यह अनिवार्य रूप से आज की दुनिया की वास्तविकताओं के अनुरूप सत्ता के पुनर्वितरण का प्रश्न है।’
सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की मांग करने वालों में भारत सबसे आगे
बता दें, सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की मांग करने वालों में भारत सबसे आगे रहा है। साथ ही यह माना जा रहा है कि सुरक्षा परिषद वर्तमान चुनौतियों से निपटने में असफल रही है। मालूम हो, हिरोशिमा में जी7 सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सवाल उठाया कि जब इन चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र का गठन किया गया था तो विभिन्न मंचों को शांति और स्थिरता से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श क्यों करना पड़ा ?
UN में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भी सुधार की जरुरत बताया था
बता दें, पिछले महीने, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा था कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर का एक संस्थापक हस्ताक्षरकर्ता है। इस चार्टर पर 26 जून, 1945 को सैन फ्रांसिस्को में हस्ताक्षर किए गए थे। कंबोज ने कहा था, ‘77 साल बाद, जब हम यह देखते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका को वैश्विक निर्णय लेने से बाहर रखा जाता हैं, तो हमें सुधारों की जरूरत महसूस होती है।’