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इंडिया न्यूज, New Delhi News। PFI International Involvement: भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पीएफआइ के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़ने की वारदात का खुलासा किया है। भारतीय खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी मुताबिक पीएफआइ के 2 नेताओं ने इंस्ताबुल में तुर्किये के इटेलीजेंस एजेंसी के करीबी एक संगठन के नेताओं से मुलाकात भी की थी। वहीं तुर्किये के सरकारी समाचार एजेंसी एनादोलु न्यूज एजेंसी पीएफआइ के सामाजिक कामों की सराहना और उसके नेताओं के खिलाफ भारतीय पुलिस की ज्यादतियों की झूठी खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर जारी करता था।
सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तुर्कीश इंटेलीजेंस एजेंसी के करीबी इंसान हक वे हुर्रियेतलेरी (आइएचएच) के नेताओं ने पीएफआइ के राष्ट्रीय कार्यकारी कौंसिल के दो सदस्य पी कोया और ईएम अब्दुल रहिमन के मुलाकात की थी।
मुलाकात के बारे में एजेंसियों को ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार खुद को मानवाधिकारों के लिए काम करने का दावा करने वाला आइएचएच के अलकायदा के साथ करीबी रिश्ते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सीरिया युद्ध के दौरान आइएचएच ने मानवीय सहायता की आड़ में अलकायदा के आतंकियों को हथियारों की सप्लाई की थी। तुर्किये के वरिष्ठ नेता के दामाद के लीक हुए इमेल से इसकी पुष्टि हुई थी।
पीएफआइ भी आइएचएच की तरह खुद को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में सकारात्मक काम करने वाला बताता रहा है। लेकिन दंगे और धार्मिक उम्माद और धर्म विशेष के निर्दोष लोगों की हत्याओं ने उसे बेनकाब कर दिया।
उन्होंने कहा कि आइएचएच और पीएफआइ के क्रियाकलापों में काफी समानता देखी जा सकती है। सुरक्षा एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुनिया में फिर से खिलाफत स्थापित करने के उद्देश्य से तुर्किये एशियाई देशों में मुसलमानों को लुभाने की भरसक कोशिश कर रहा है।
इसी कारण तुर्किये बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर के मुद्दे को उठाता रहा है। तुर्किये के साथ पीएफआइ के संबंधों को रेखांकित करते हुए वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2016 में राष्ट्रपति एर्दोगन के खिलाफ तख्तापलट की कोशिश के समय पीएफआइ ने बाकायदा बयान जारी कर एर्दोगन का समर्थन किया था।
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