India News (इंडिया न्यूज़) Israel – Hamas War : इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास 7 अक्टूबर से युद्ध (इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष) लड़ रहे हैं। इस बीच 24 नवंबर (शुक्रवार) को दोनों के बीच 4 दिन के युद्धविराम पर समझौता हुआ। 4 दिन के युद्धविराम (इज़राइल-हमास युद्धविराम) में हमास ने 63 बंधकों को रिहा किया, जबकि इज़राइल ने भी 117 फ़िलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया।
आज यानि 27 नवंबर की सुबह हमास ने 17 और लोगों रिहा कर दिया। इसमें एक 4 साल की इजरायली-अमेरिकी बच्ची भी शामिल है। युद्धविराम 27 नवंबर की आधी रात (मंगलवार स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे) समाप्त होगा। ऐसे में सवाल ये है कि सीजफायर बंद हो जायेगा तो उसके बाद क्या होगा ? क्या इजराइल गाजा पट्टी पर हमले फिर से शुरू करेगा? या फिर हमास के साथ युद्धविराम की अवधि बढ़ाई जा सकती है?
गाजा में 4 दिवसीय युद्धविराम का सोमवार को आखिरी दिन है। हमास ने अब तक 63 बंधकों को रिहा कर दिया है, जिनमें एक अमेरिकी, 39 इजरायली और 17 थाई नागरिक शामिल हैं। इस बीच इजरायली सेना गाजा पट्टी में घात लगाकर हमले कर रही है। युद्धविराम शुरू होने से पहले ही इज़रायल ने साफ़ कर दिया था कि वे युद्धविराम ख़त्म होने के बाद अपनी कार्रवाई फिर से शुरू करेंगे। हालाँकि, हमास ने युद्धविराम को आगे बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की है। इजराइल ने यह भी कहा है कि उसे हमास की ओर से संघर्षविराम बढ़ाने का प्रस्ताव मिला है।
विशेष चीज़ें –
- इजराइल और हमास के बीच डील कतर के जरिए हुई थी।
- हमास ने तीन दिनों में 39 इजरायली बंधकों को रिहा किया।
- हमास संघर्षविराम को 2-4 दिनों के लिए बढ़ाना चाहता है।
हमास ने भी युद्धविराम को आगे बढ़ाने की इच्छा जताई
एएफपी के मुताबिक, हमास ने रविवार को एक बयान जारी कर संघर्ष विराम बनाए रखने का इरादा जताया। हमास भी अधिक फ़िलिस्तीनियों को रिहा करने के पक्ष में है। समाचार एजेंसी एएफपी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि हमास ने इजरायल को युद्धविराम को 4 दिन और बढ़ाने की पेशकश की है।
इजराइल ने युद्धविराम के तीसरे दिन 39 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर दिया। जबकि हमास ने 13 इजराइलियों को रिहा कर दिया। इसमें एक 4 साल की अनाथ बच्ची भी शामिल है। उसका नाम एविगेल ईडन है। अविगैल के माता-पिता 7 अक्टूबर को हमास के हमले में मारे गए थे। अविगैल को हमास लड़ाकों ने उसके पड़ोसी के घर से अपहरण कर लिया था। आपको बता दें कि 18 बच्चों और 43 महिलाओं समेत कुल 183 लोग अभी भी हमास की कैद में हैं।
इजरायल पर युद्धविराम की अवधि बढ़ाने का दबाव
माना जाता है कि कुछ बंधकों को हमास के अलावा अन्य आतंकवादी समूहों ने रखा है। इससे जाहिर तौर पर भविष्य में उनकी रिहाई मुश्किल हो सकती है। ऐसे में इजरायल पर हमास के साथ संघर्षविराम बढ़ाने का दबाव बनाया जा रहा है। बंधकों के परिवारों के साथ-साथ सहयोगी देश भी उन पर और लोगों की रिहाई सुनिश्चित करने का दबाव बना रहे हैं। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति भी शामिल हैं।
बाइडन भी चाहते हैं कि युद्धविराम को बढ़ाया जाए
इस मामले पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बात की। पीएम ने राष्ट्रपति से कहा कि उन्हें सीजफायर जारी रखने में कोई दिक्कत नहीं है। समाचार एजेंसी ‘रॉयटर्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू ने कहा था कि अगर हमास हर दिन 10 बंधकों को रिहा करता है, तो वे संघर्ष विराम को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे। करीबी सूत्र ने कहा, “अगर संघर्ष विराम बढ़ाया जाता है, तो 20 से 40 इजरायली कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करना संभव है।”
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- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन चाहते हैं कि युद्धविराम को बढ़ाया जाए ताकि अधिक बंधकों को रिहा किया जा सके।
- फ्रांस के विदेश मंत्री ने भी जरूरी कदम बताए।
- फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना ने रविवार को बीएफएमटीवी को बताया कि फ्रांसीसी नागरिकों सहित सभी बंधकों की रिहाई तक हमास के साथ संघर्ष विराम को बढ़ाना एक अच्छा, सहायक और आवश्यक कदम होगा।
कतर के जरिए हुई थी ये डील
कतर के माध्यम से इजराइल और हमास के बीच 4 दिवसीय युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। खाड़ी देश कतर युद्ध की शुरुआत से ही हमास और इजराइल के साथ बातचीत कर रहा था। समझौते के मुताबिक हमास ने बंधक बनाए गए 50 लोगों को रिहा करने का वादा किया था। इसके अलावा, इजरायली जेलों में बंद 150 फिलिस्तीनी नागरिकों को भी छोड़ने के लिए कहा गया था। इसके अलावा गाजा को मानवीय सहायता मुहैया कराने की छूट देने का भी फैसला किया गया। रिहा किये गये बंधकों को गाजा से बाहर ले जाया गया है।
हमास ने 240 से ज्यादा लोगों को बना लिया था बंधक
7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला कर 200 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था। इजरायली सरकार के मुताबिक, हमास के रॉकेट हमले में करीब 1200 इजरायली मारे गए।
अब तक 14,800 लोगों की हो चुकी है मौत
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस युद्ध में अब तक 14,800 लोगों की मौत हो चुकी है। इन सब घटना में लगभग 23 लाख लोगों को अपना घर छोड़कर कही भागना पड़ा है।
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