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इंडिया न्यूज:(ISRO) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) कल यानी सात मार्च को अपना जीवनकाल पूरा कर चुके मौसम उपग्रह मेघा-ट्रॉपिक्स-1 (एमटी1) को पृथ्वी की निचली कक्षा में प्रवेश कराने के बाद इस मौसम उपग्रह को प्रशांत महासागर में गिरा दिया जाएगा। बता दें 12 अक्टूबर, 2011 को एमटी1 को उष्णकटिबंधीय मौसम और जलवायु अध्ययन के लिए इसरो और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस के संयुक्त उपग्रह उद्यम के रूप में इसे लॉन्च किया गया था।
बता दें लगभग एक हजार किलोग्राम वजनी मेघा ट्रॉपिक्स यानी एमटी1, पृथ्वी से 867 किमी की ऊंचाई वाली कक्षा में है और उसमें अभी भी लगभग 125 किलोग्राम ईंधन बचा हुआ है। इसरो की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार अगर इस उपग्रह को इसी कक्षा यानी पृथ्वी से 867 किमी की ऊंचाई पर छोड़ दिया जाए तो यह 100 साल से भी अधिक तक पृथ्वी का चक्कर काटता रहेगा। लेकिन, उपग्रह में बचे काफी मात्रा में ईंधन के चलते इसके टूटने और जोखिम पैदा करने के खतरे अधिक हैं।
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