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बीजेपी के 44 वे स्थापना दिवस पर जानें 2 से 303 लोकसभा सीटें जीतने का सफर

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : April 6, 2023, 6:59 pm IST
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बीजेपी के 44 वे स्थापना दिवस पर जानें 2 से 303 लोकसभा सीटें जीतने का सफर

इंडिया न्यूज़ : आज यानि 6 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 44वें स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी देशभर में जश्न मना रही है। सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के स्थापना दिवस पर 10 लाख से ज्यादा स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। बता दें, दुनिया के सबसे बड़े राजनैतिक दल की 43वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा देश के मुख्य सेवक की भूमिका में है। ‘एक भारत- श्रेष्ठ भारत’ भारतीय जनता पार्टी का मंत्र और लक्ष्य रहा है। जब जनसंघ का जन्म हुआ, तो हमारे पास न ज्यादा राजनीतिक अनुभव था, न पर्याप्त संसाधन। हमारे पास केवल ‘मातृभूमि की भक्ति’ और ‘लोकतंत्र की शक्ति’ थी। राष्ट्र प्रथम की चेतना है।

यहां से शुरू हुई बीजेपी की यात्रा

6 अप्रैल 1980: BJP की स्थापना हुई। भारतीय जनसंघ का ही नया रूप थी BJP, जिसका मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) रहा। अधिकतर BJP नेता RSS के सदस्य होते हैं।

1984: ‘कमल का फूल’ चुनाव निशान के साथ मैदान में उतरी BJP, उसे देशभर में सिर्फ 2 लोकसभा सीटों पर जीत मिली। अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी सहित पार्टी के सभी बड़े नेता चुनाव हार गए थे। 1984 में BJP के जो दो सांसद लोकसभा में पहुंचे थे, वे गुजरात की मेहसाना सीट से डॉ ए.के. पटेल और आंध्र प्रदेश की हनमकोंडा सीट से चंदूपाटला रेड्डी थे।

1989: वी.पी. सिंह की ‘जनता दल’ के साथ लड़ा था चुनाव, इस बार 89 सीट तक पहुंच गई थी BJP। केंद्र में विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बने थे।

1991 : BJP की सीटों में बढ़ोतरी हुई, और उसने देशभर में 121 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की।

6 दिसंबर 1992: अयोध्या में विवादास्पद ढांचा गिराया गया, जिसके लिए BJP के कई नेताओं पर आरोप लगा। उत्तर प्रदेश की कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली BJP सरकार को बर्खास्त कर दिया गया, और इस मामले में बाद में कल्याण सिंह को जेल भी काटनी पड़ी।

1996: पहली बार लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनी BJP, और 163 सीटों पर जीत हासिल की। इस बार अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने, लेकिन सरकार सिर्फ 13 दिन चली।

1998: एक बार फिर अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में BJP की सरकार बनी, 13 महीने तक चली।

1999: BJP के नेतृत्व में 24 राजनैतिक दलों को मिलाकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का गठन किया गया, जिसने 294 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल कर बहुमत पाया, और अटल बिहारी वाजपेयी फिर प्रधानमंत्री बने। इस चुनाव में BJP को 182 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

2004-2014: BJP को नहीं मिला था जनादेश, कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार बनी।

2014: आम चुनाव से पहले BJP में चेहरा बदलने की मांग उठी, और नरेंद्र मोदी के PM पद का चेहरा बनने के साथ ही BJP में ‘मोदी युग’ की शुरुआत हुई। इस आम चुनाव में BJP को पहली बार अपने बूते बहुमत हासिल हुआ, 282 सीटों पर जीत मिली। नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। वर्ष 1984 के बाद यह पहला मौका था, जब किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत मिला था। यह भी पहला अवसर था, जब स्वतंत्रता के बाद पैदा हुआ कोई शख्स देश का प्रधानमंत्री बना।

2019: PM नरेंद्र मोदी की अगुवाई में BJP को एक बार फिर रिकॉर्ड बहुमत मिला, और पार्टी के 303 सांसद बने।

इन राज्यों में बीजेपी के पास सत्ता की चाभी

बता दें, लोकसभा में 2 से 303 तक पहुंचने के बाद बीजेपी की विकास यात्रा देश के कई राज्यों तक भी पहुंची है। मौजूदा समय में केंद्र के आलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, पुदुच्चेरी, मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में इस वक्त BJP या उसके समर्थन से चल रही सरकारों का शासन है।

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