संबंधित खबरें
Himachal BPL Rules: सरकार ने बदली 'गरीबी' की परिभाषा, जानें अब कौन कहलाएगा गरीब? BPL के नए नियम जारी
नए साल पर घूमने जानें से पहले पढ़े UP-NCR की ट्रैफिक एडवाइजरी, ये हैं रूटों का प्लान
Maha Kumbh 2025: कुंभ की तैयारियों को देख अखिलेश ने बांधे तारीफों के पुल, बोले- कमियों की तरफ खींचते रहेंगे ध्यान
kota Night Shelters: खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग, अब तक नहीं किया गया रैन बसेरे का इंतजाम
Kotputli Borewell Rescue: 65 घंटे से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी, मां की बिगड़ी तबीयत
Ajmer Bulldozer Action: दरगाह के पास चला निगम का पीला पंजा, अवैध अतिक्रमण साफ, कार्रवाई से क्षेत्र में मचा हड़कंप
India News (इंडिया न्यूज़), Rahul Gandhi Judge, दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से ‘मोदी सरनेम’ मामले में दो साल की सजा सुनाई गई थी। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था। इसके बाद राहुल गांधी जिला अदालत गए वहां से भी उन्हें कोई रिहात नहीं मिली। अब राहुल गांधी गुजरात हाईकोर्ट गए है।
दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी की सांसदी चली गई थी। सांसदी जाने के बाद उन्हें अपना सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ा था। पहले गुजरात हाईकोर्ट में राहुल गांधी के वकील पीएस चंपानेरी ने न्यायमूर्ति गीता गोपी की अदालत के सामने मोदी सरनेम वाले मामले को उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की लेकिन जज ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया और कहा कि, मेरे सामने नहीं। अब मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति हेमंत एम. प्राच्छक की अदालत में है।
4 जून 1965 को गुजरात के पोरबंदर में उनका जन्म हुआ था। तालुका प्राथमिक विद्यालय, सोमनाथ, प्रभासपाटन से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने प्रभासपाटन और वेरावल से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की। वर्ष 1988 में हेमंत ने कालिदास हरिदास माधवानी कॉलेज, पोरबंदर से वाणिज्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने साल 1992 में पोरबंदर में धनजीभाई डी. खोटियावाला म्युनिसिपल लॉ कॉलेज धनजीभाई डी. खोटियावाला से कानून की डिग्री प्राप्त की।
बार काउंसिल ऑफ गुजरात के माध्यम से नामांकित होने के बाद हेमंत प्राच्छक ने 28 अक्टूबर 1992 से गुजरात के उच्च न्यायालय में अभ्यास शुरू किया। वकील के रुप में उन्होंने अदालत में सभी श्रेणियों के मुद्दों से जुड़े मामलों लड़े, जिसमें सिविल मामलों, आपराधिक और मोटर दुर्घटना जैसे ज्यादतर मामले है। उन्होंने साल 2002 से 2007 तक सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में काम किया। इसके बाद साल 2015 और 2019 के बीच गुजरात के उच्च न्यायालय के लिए केंद्र सरकार के स्थायी वकील के रूप में काम किया। 18 अक्टूबर 2021 को एक न्यायाधीश के रूप में गुजरात उच्च न्यायालय में नामित किया गया।
यह भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.