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Delhi Power subsidy: दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि आज से दिल्ली के लोगों को दी जाने वाली सब्सिडी वाली बिजली बंद कर दी जाएगी। यानी कल से सब्सिडी वाले बिल नहीं दिए जाएंगे. यह सब्सिडी बंद कर दी गई है क्योंकि आप सरकार ने आने वाले वर्ष के लिए सब्सिडी जारी रखने का निर्णय लिया है, लेकिन वह फाइल दिल्ली एलजी के पास है और जब तक फाइल वापस नहीं आती है, तब तक आप सरकार सब्सिडी वाला बिल जारी नहीं कर सकती है।
इस पर दिल्ली की एलजी की तरफ से आम आदमी सरकार को फटकारा गया। एलजी कार्यालय ने बयाने जारी कर कहा कि दिल्ली एलजी ने पिछले 6 वर्षों के दौरान निजी डिस्कॉम को दिए गए 13,549 करोड़ रुपये का ऑडिट नहीं करने के लिए आप सरकार की आलोचना की। एलजी ने गरीबों को बिजली सब्सिडी के समर्थन को दोहराया और दोहराया कि डिस्कॉम को दी जा रही राशि का ऑडिट किया जाना चाहिए ताकि पैसे की बर्बादि सुनिश्चित की जा सके।
बयान में कहा गया, “एलजी ने केजरीवाल सरकार से विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 108 को लागू नहीं करने के लिए, डीईआरसी के लिए अब तक डिस्कॉम का ऑडिट करना अनिवार्य करने के लिए सवाल किया है। एलजी रेखांकित करते हैं कि कैग के पैनलबद्ध लेखापरीक्षकों द्वारा किए गए लेखापरीक्षा को कैग लेखापरीक्षा का विकल्प नहीं माना जा सकता है और न ही इसे माना जाना चाहिए।”
एलजी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि डिस्कॉम के कैग ऑडिट को रद्द करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सरकार की अपील सुप्रीम कोर्ट में 7 से अधिक वर्षों से लंबित है। सरकार से तत्काल सुनवाई के लिए अपील दायर करके इसे शीघ्र पूरा करने के लिए कहा।
बयान के लिए मंत्री आतिशी को भी फटकारा गया, एलजी कार्यलाय की तरफ से कहा गया कि बिजली मंत्री को सलाह दी जाती है कि एलजी के खिलाफ अनावश्यक राजनीति और निराधार झूठे आरोपों से बचें। उन्हें झूठे बयानों से लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए। उन्हें और मुख्यमंत्री को दिल्ली की जनता को जवाब देना चाहिए कि इस संबंध में फैसला 4 अप्रैल तक लंबित क्यों रखा गया जबकि समय सीमा 15 अप्रैल थी? एलजी को 11 अप्रैल को ही फाइल क्यों भेजी गई? और 13 अप्रैल को चिट्ठी लिखने के बाद और आज प्रेस कांफ्रेंस कर नाटक करने की क्या जरूरत है?
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