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चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर बड़े बदलाव किए जएंगे जाएंगे। बता दें सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा प्रक्रिया को खारिज कर दिया है। अदालत का कहना है कि अब मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का भी वही तरीका होगा, जो सीबीआई चीफ की नियुक्ति का है।
जानकारी के लिए बता दें सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने फैसला देते हुए कहा कि अब ये नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस की कमेटी की सिफारिश पर राष्ट्रपति करेंगे। अब तक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति केंद्र सरकार करती थी। जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने ये फैसला सुनाया है। पांच जजों की बेंच ने उन याचिकाओं पर फैसला दिया है, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसा सिस्टम बनाने की मांग की गई थी। बता दें सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ किया कि मौजूदा व्यवस्था तब तक जारी रहेगी, जब तक संसद इस पर कानून न बना दे।
राष्ट्रपति मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करते हैं। इनका कार्यकाल 6 साल या फिर 65 साल की उम्र तक होता है। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों को सुप्रीम कोर्ट के जजों के बराबर ही सैलरी मिलती है। मुख्य चुनाव आयुक्त को संसद में महाभियोग के जरिए ही पद से हटाया जा सकता है।
सुनवाई के दौरान पांच जजों की बेंच ने नोट किया कि कोई भी राजनीतिक पार्टी सत्ता आ जाए, लेकिन चुनाव आयोग में नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर कानून नहीं बना सकी। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि मौजूदा कानून में ‘खामियां’ हैं। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि चयन प्रक्रिया में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को शामिल करना अहम साबित हो सकता है। पहले देखा गया है कि मौजूदा सिस्टम के तहत सत्ताधारी पार्टी ‘येस मैन’ को नियुक्त कर देती है। अगर चयन प्रक्रिया में चीफ जस्टिस को शामिल किया जाता है तो इसे ठीक किया जा सकता है।
एक कमेटी बनेगी। इस कमेटी में प्रधानमंत्री होंगे। उनके अलावा लोकसभा में विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसले में साफ किया है कि अगर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष मौजूद नहीं हैं, तो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को कमेटी में रखा जाएगा। ये कमेटी चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए नामों की सिफारिश करेगी। ये सिफारिश राष्ट्रपति के पास भेजी जाएगी और उनकी मंजूरी मिलने के बाद नियुक्ति की जाएगी। ये सीबीआई चीफ की नियुक्ति की तरह ही होगा। सीबीआई चीफ की नियुक्ति सिलेक्शन कमेटी की सिफारिश पर होती है। इस कमेटी में प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और चीफ जस्टिस होते हैं।
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