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इंडिया न्यूज़ : तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ मारपीट का फर्जी वीडियो प्रसारित करने पर यूट्यूबर मनीष कश्यप की याचिका पर सोमवार (10 अप्रैल, 2023) को सुनवाई नहीं हो सकी। बता दें, फर्जी वीडियो के प्रसारण पर पहले बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया, जिसके बाद तमिलनाडु पुलिस उन्हें ले गई। जिसपर मनीष कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट से माँग की है कि इस प्रकरण में उनके खिलाफ दर्ज सारे मामलों को एक जगह ट्रांसफर किया जाए।
बता दें, सारे मामलों की एक साथ सुनवाई और देशद्रोह का केस हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मनीष की तरफ से उनके वकील ने कोर्ट नंबर 13 में जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस संजय करोल की पीठ के सामने याचिका लगाई थी। उन्हें केस संख्या 63 दी गई थी। लेकिन, जब लंच हुआ तब तक 43 मामलों की ही सुनवाई हो पाई। लंच ब्रेक के बाद जजों को दूसरी पीठ में बैठ कर सुनवाई करनी थी, इसीलिए ये मामला रह गया। अब मंगलवार को सुनवाई होगी।
बता दें, इस केस में मनीष कश्यप के वकील का आरोप है कि बिहार सरकार के इशारे पर उनके खिलाफ बिहार और तमिलनाडु में झूठी FIR दर्ज कराई गई है। मालूम हो, इससे पहले इस मामले को मुख्य न्यायाधीश (CJI) की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने उठाया गया था, लेकिन जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि उन्होंने अभी इसके बारे में जानकारी नहीं ली है। इसीलिए, मनीष कश्यप को अंतरिम राहत नहीं मिल पाई। तमिलनाडु सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और अमित आनंद तिवारी पेश हुए। मदुरै की कोर्ट ने मनीष कश्यप को न्यायिक हिरासत में भेज रखा है। मनीष कश्यप 18 मार्च को आत्मसमर्पण के बाद से ही पुलिस की गिरफ्त में हैं।
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