No Opposition In Nagaland: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी (NDPP) के नेता और मुख्यमंत्री एन रियो के नेतृत्व वाली नवगठित नागालैंड सरकार को अपना समर्थन दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एनडीपीपी ने मिलकर राज्य में चुनाव लड़ा था। एनसीपी ने हाल ही में हुए नागालैंड विधानसभा चुनावों में सात सीटें जीती थीं और एनडीपीपी और बीजेपी सरकार बनने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि एनसीपी राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी होगी।
- एनसीपी ने दिया सरकार को समर्थन
- LJP और जदयू ने भी किया है समर्थन
- जदयू ने नागालैंड इकाई को भंग किया
हालांकि, बुधवार को एनसीपी ने सरकार को समर्थन दिया जिसका मतलब है कि नागालैंड विधानसभा में कोई विपक्षी पार्टी नहीं होगी। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बुधवार सुबह कहा कि उनकी पार्टी ने नगालैंड के मुख्यमंत्री का समर्थन किया है जो भाजपा के नहीं बल्कि एनडीपीपी के हैं । पवार ने कहा, “हमारी पार्टी ने चुनाव होने से पहले ही एनडीपीपी को समर्थन दे दिया था।”
मुख्यमंत्री से अच्छे संबंध
एनसीपी के पूर्वोत्तर के प्रभारी महासचिव नरेंद्र वर्मा द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि एनसीपी सरकार का हिस्सा बनने जा रही है या मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभाने जा रही है, इस बारे में भी चर्चा हुई थी। बयान में कह गया कि स्थानीय नवनिर्वाचित विधायक और नगालैंड की राकांपा स्थानीय इकाई की राय थी कि हमें उस सरकार का हिस्सा होना चाहिए। नागालैंड राज्य के हित को देखते हुए यह फैसला किय गया है और नागालैंड के मुख्यमंत्री और हमारे प्रदेश अध्यक्ष के बीच अच्छे संबंध हैं।
पवार ने लिया फैसला
बयान के अनुसार, यह फैसला पवार पर छोड़ दिया गया था कि नागालैंड सरकार का हिस्सा बनना है या नहीं। बयान में कहा गया “मंगलवार की सुबह पूर्वोत्तर प्रभारी की बात सुनने के बाद उन्होंने नागालैंड राज्य के व्यापक हित में नागालैंड के मुख्यमंत्री श्री एन. रियो के नेतृत्व को स्वीकार करने का निर्णय लिया और बाद में उन्होंने एनसीपी विधायक दल के नेता और उनकी टीम की प्रस्तावित सूची को भी मंजूरी दे दी।”
जदयू विधायक ने भी दिया समर्थन
नागालैंड के चुनाव में बीजेपी- एनडीपीपी ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी वही एनसीपी ने ने सात, एनपीपी ने पांच, लोजपा (रामविलास), नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) और आरपीआई (अठावले) ने दो-दो, जद (यू) ने एक और निर्दलीय ने चार सीटें जीती हैं। एनपीपी, लोजपा (रामविलास), नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) और आरपीआई (अठावले) ने पहले से सरकार को समर्थन दे रखा था। इसके बाद निर्दलीय और जदयू विधायक ने भी सरकार को समर्थन का ऐलान किया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पार्टी की नागालैंड इकाई का भंग कर दिया है। जारी पत्र में कहा गया कि सरकार को समर्थन का फैसला पार्टी के बिना मंजूरी के किया गया।
यह भी पढ़े-
- विदेशी नहीं जानते कि राहुल गांधी पप्पू हैं, किरण रिजिजू का कांग्रेस नेता पर बड़ा हमला
- होली के दिन 7 साल की बच्ची से किया दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार