बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (We are getting cooperation for our development from India: Hasina): भारत और बांग्लादेश के बीच पहले क्रॉस बॉर्डर ऑयल पाइपलाइन के उद्घाटन समाहरोह के दौरान बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना ने कहा कि जब यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया गंभीर ऊर्जा संकट का सामना कर रही है ऐसे समय में बांग्लादेश में यह पाइपलाइन ईंधन सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हसीना ने भारत को बांग्लादेश का ‘सच्चा दोस्त’ बताते हुए कहा कि वह चाहती हैं कि यह दोस्ती बरकरार रहे।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बोलते हुए पीएम शेख हसीना ने कहा कि इस पाइपलाइन से ना सिर्फ तेल की सुरक्षा होगी बल्कि इस पाइपलाइन से देश की आर्थिक विकास को भी बढ़ाने में मदद मिलेगी। हसीना ने कहा कि इस पाइपलाइन से भारत से डीजल आयात करने में लगने वाला समय और खर्च काफी कम हो जाएगा।
भारत और बांग्लादेश के बीच 131.5 किलोमीटर लंबे ऑयल पाइपलाइन प्रोजेक्ट की लागत 377 करोड़ रुपए है जिसके जरिए भारत हर साल 10 लाख टन डीजल बांग्लादेश को भेजेगा। वर्तमान में भारत रेल मार्ग के जरिए डीजल की सप्लाई करता है। कल भारत के पीएम मोदी ने कहा था कि इस पाइपलाइन के बनने से परिवहन लागत को बचाने में मदद मिलेगी और डीजल को ले जाने में कार्बन फुटप्रिंट में भी कमी आएगी।
इस पाइपलाइन परियोजना का निर्माण साल 2018 में शुरू हुआ था। दोनों देशों के बीच यह पहला क्रॉस बॉर्डर प्रोजेक्ट है। इस परियोजना का कुल लागत 377 करोड़ रुपए है। अनुदान सहायता के तहत, बंगलादेश में बनने वाले 285 करोड़ रुपए के पाइपलाइन का खर्च भारत उठाएगा। आईबीएफपीएल, उत्तरी बांग्लादेश के सात जिलों में हर साल 1 मिलियन टन डीजल का परिवहन करेगा।
यह पाइपलाइन नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) के सिलीगुड़ी स्थित मार्केटिंग टर्मिनल से बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसी) के पारबतीपुर डिपो जाएगी। फिलहाल इस पाइपलाइन का समझौता 15 सालों तक के लिए किया गया है जिसे बाद में दोनों देशों के सहमति के बाद आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
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