संबंधित खबरें
Jammu and Kashmir: बडगाम में खाई में गिरी BSF जवानों की बस, 4 जवान शहीद, 32 घायल
मेरठ में बड़ा हादसा, तीन मंजिला मकान गिरने से कई घायल, मलबे में दबे पशु
किस दिन होगा केजरीवाल की किस्मत का फैसला? इस घोटाले में काट रहे हैं सजा
No Horn Please: हिमचाल सरकार का बड़ा फैसला, प्रेशर हॉर्न बजाने पर वाहन उठा लेगी पुलिस
Himachal News: बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छे दिन! जानें पूरी खबर
Rajasthan: चेतन शर्मा का इंडिया की अंडर-19 टीम में चयन, किराए के मकान में रहने के लिए नहीं थे पैसे
इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : पुणे की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का एक नोटिस उस वक्त सुर्खियां बन गया जब सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने उसे ट्विटर पर शेयर किया। इस नोटिस में लिखा था ” यह लगातार देखने में आ रहा है कि महिला एडवोकेट्स ओपन कोर्ट में अपने बाल सुधारती या संवारती हैं। ये काम कोर्ट के काम-काज में खलल डालता है, इसलिए उन्हें निर्देशित किया जाता है कि ऐसे कामों से बचें।”
विवाद बढ़ता देख रजिस्ट्रार ऑफिस से जुड़े एक अधिकारी ने सफाई में कहा, “नोटिस केवल कोर्ट रूम की मर्यादा बनाए रखने के लिए जारी किया गया था। किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए इसे वापस ले लिया गया है।”
आपको बता दें, एडवोकेट इंदिरा ने नोटिस को शेयर करते हुए लिखा था ” वाह ! अब देखिए, कौन महिला एडवोकेट्स के कारण डिस्ट्रैक्ट हो रहा है और क्यों? ज्ञात हो, नोटिस 20 अक्टूबर को कोर्ट में जारी किया गया था। विरोध बढ़ता देख नोटिस को इसे वापस ले लिया गया है। नोटिस के वापस लेने की जानकारी भी मंगलवार को इंदिरा जयसिंह ने दोबारा ट़्वीट करके दी ।
आपको बता दें, पुणे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट पांडुरंग थोर्वे ने कहा है कि उनके ऑफिस को ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला है। थोर्वे ने कहा “एडवोकेट्स को जारी किए गए सभी नोटिस पुणे बार एसोसिएशन को भेजे जाते हैं, लेकिन आज तक हमें ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला है।”
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.