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India News (इंडिया न्यूज), Jaishankar in Qatar: कतर की एक कोर्ट ने वहां रह रहे भारतीय नौसेना के आठ अधिकारियों को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई है। इससे भारत की टेंशन बढ़ गई है। देश में चर्चा तेज हो गई है। इस बीच अब देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर कतर में फांसी की सजा पाने वाले 8 भारतीयों के परिवारों से मुलाकात की है। खबर है कि जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया गया कि भारत सरकार मामले को सर्वोच्च महत्व दे रही है। साथ ही सभी भारतीयों की सजा रोकने के लिए तेजी से काम कर रही है।
जयशंकर (Qatar news Indian Navy) ने परिवार से कहा कि ‘परिवारों की चिंताओं और दर्द को मैं पूरी तरह महसूस करता हूं। सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करना जारी रखेगी। इस संबंध में परिवारों के साथ निकटता से समन्वय भी करेगी।’
जानकारी के लिए आपको बता दें कि आठों पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को बीते साल अरेस्ट किया गया था। देश की जासूसी करने का आरोप इन पर लगा है। भारतीयों पर इजरायल के लिए कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट की गुप्त जानकारी चुराने का आरोप लगा है।
अभी कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान ने भी भारत के पूर्व नेवी अधिकारी कुलभूषण जाधव को इसी तरह से मौत की सजा दी थी लेकिन भारत ने इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में अपील की और फांसी पर रोक लग गई। यह विकल्प कतर के मामले में भी भारत के पास मौजूद है। इसके अलावा हम कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी 8 भारतीयों को माफी दे सकते हैं। ये भी जरूरी है कि इसके लिए समय पर आवेदन करना होगा। वह साल में दो बार ऐसी सजा को माफ करते हैं और निश्चित तौर पर भारत अपील करने में देरी नहीं करेगा।
भारत विदेश मंत्रालय की तरफ से गुरुवार (26 अक्टूबर) को कहा गया कि कतर की अदालत के फैसले से स्तब्ध हैं। परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम से संपर्क किया जा रहा है। सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल किया जाएगा। भारत ने ये भी साफ कर दिया है कि वह कतर की कैद में बंद भारतीयों को राजनयिक परामर्श देता रहेगा।
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