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India News (इंडिया न्यूज़), अजीत मेंदोला, I.N.D.I.A Rally In Mumbai: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शनिवार (16 मार्च) को समाप्त हो गया। जिसके बाद आज शाम को होने वाली रैली से इंडी गठबंधन की मौजूदा स्थिति का और आंकलन हो पाएगा। क्योंकि जब सवा दो माह पहले यात्रा शुरू हुई थी तो उस समय इंडी गठबन्धन का अलग स्वरुप था। लेकिन, यात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ी त्यों-त्यों गठबंधन बिखरता चला गया। इंडी गठबन्धन की नींव रखने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वापस बीजेपी के साथ चले गए। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद ही अलग हो गई। जिन वामदलों की विचारधारा लेकर राहुल राजनीति कर रहे हैं वह खुद ही केरल में राहुल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
बता दें कि, कांग्रेस के साथ अब ले दे कर महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और शरद पवार का सहारा है, तो बिहार में लालू यादव का। दिल्ली में कांग्रेस उस अरविंद केजरीवाल पर भरोसा कर रही है जिसने उसकी छवि को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया था। आप से दिल्ली में तो गठबंधन कर रही है, लेकिन पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के निशाने पर कांग्रेस ही है। इस हालत के लिए राहुल गांधी जिम्मेदार हैं या उनकी टीम पार्टी के भीतर ही बहस छिड़ी हुई है। यहां तक कि न्याय यात्रा को लेकर पार्टी इस बार कोई उत्साह नहीं था और ना ही पार्टी का बड़ा धड़ा यात्रा के पक्ष में था। तीन चार लोगों की जिद्द के चलते यात्रा निकली। यात्रा को पूरी तरह से असफल बताया जा रहा है।
बता दें कि, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी मजबूरी में दो दिन यात्रा में शामिल हुईं। जबकि पिछली भारत जोड़ो यात्रा में प्रियंका समेत पूरी पार्टी ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया था। पिछली भारत जोड़ो यात्रा ने राहुल की पूरी इमेज को बदल कर रख दिया था। लेकिन इस बार की न्याय यात्रा ने राहुल की इमेज को कोई विशेष फायदा नहीं पहुंचाया। पार्टी के भीतर ही सवाल उठ रहे थे कि बे मौसम यात्रा क्यों निकाली। राजस्थान,मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की हार ने कांग्रेस के मनोबल पर असर डाला। यात्रा भी बीच बीच में रुक रुक कर निकाली गई। मुबंई में यात्रा की समाप्ति से पूर्व इलेक्टोरल बॉन्ड मामले को लेकर कांग्रेस आक्रमक हुई जरूर हुई है। लगता है कांग्रेस इलेक्टोरल बॉन्ड को आगामी चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाएगी। लेकिन सवाल यही है कि जब आम चुनाव की घोषणा हो चुकी है।
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इससे पहले कांग्रेस की यह रैली महाराष्ट्र में कितनी सफल रहती है एक तो इस पर नजर रहेगी। दूसरा बचे हुए इंडी गठबंधन के घटक दलों के कितने नेता इसमें पहुंचते हैं। संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल के अनुसार पार्टी ने सभी सहयोगियों को रैली में आमन्त्रित किया है। जो संकेत मिल रहे हैं उसके अनुसार कांग्रेस के सबसे घनिष्ठ सहयोगी वाम दल के नेता रैली से दूरी बना सकते हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि शरद पवार और उद्धव ठाकरे भी रैली में आते हैं या अपने प्रतिनिधि भेजते हैं इस पर अहम नजर रहेगी। सूत्र बता रहे हैं कि दोनों नेता दूरी बना सकते हैं। आम आदमी पार्टी की भी कम ही उम्मीद है। ले दे कर द्रमुक मुखिया स्टलिन, सपा मुखिया अखिलेश यादव और राजद नेता तेजस्वी यादव की ही उम्मीद की जा रही है।
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