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India News (इंडिया न्यूज़), Maharashtra Politics, मुंबई: अजित पवार से अलग हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गुट के महाराष्ट्र गठबंधन सरकार में शामिल होने के कुछ दिनों बाद, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रातभर चर्चा (Maharashtra Politics) की। रात 2 बजे तक चली बैठक में, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फड़नवीस ने अजित पवार के आने के बाद बदले हालात में कैबिनेट के स्वरूप और मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चर्चा की गई।
यह खबरें आई थी की शिंदे गुट के विधायक अजित पवार के आने से नाराज है। बीते दिनों ने इस बात का खंडन किया। शिवसेना ने कहा कि एकनाथ शिंदे की मुख्यमंत्री पद छोड़ने की कोई योजना नहीं है। शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा हम इस्तीफा देने वाले नहीं बल्कि लेने वाले हैं। सभी विधायकों, सांसदों ने एकनाथ शिंदे पर भरोसा जताया है।
एकनाथ शिंदे ने पार्टी के भीतर किसी भी मतभेद से भी इनकार किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “अब हमारी सरकार तीन दलों से बनी है, हमारे विधायकों की संख्या 200 से अधिक है। हमारी सरकार लगातार मजबूत हो रही है। हमें पीएम मोदी और अमित शाह का समर्थन प्राप्त है।”
अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा गुट के राज्य सरकार में शामिल होने के बाद शिवसेना के कुछ विधायकों ने कथित तौर पर चिंता जताई थी। अजित पवार ने भी कहा था कि वह उपमुख्यमंत्री बन कर थक गए है अब वह मुख्यमंत्री बनना चाहते है।
राकांपा के दिग्गज नेता शरद पवार ने कल दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक की जिसमें 12 बागी नेताओं को पार्टी से निकाल दिया गया। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए, शरद पवार ने कहा “मैं अभी भी प्रभावी हूं, चाहे मैं 82 साल का हो जाऊं या 92 साल का।” अजित पवार ने उनकी उम्र को लेकर सवाल उठाया था।
अजित पवार का कहना है कि उनका गुट ही असली एनसीपी है और उन्होंने चुनाव आयोग से पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया है। अब तक उन्हें 32 विधायकों का समर्थन मिलता दिख रहा है। शरद पवार के पास 14 का समर्थन है। लेकिन चुनाव आयोग द्वारा उनके दावे पर विचार करने से पहले उन्हें 36 विधायकों की जरूरत है, जो पार्टी के 53 विधायकों में से दो-तिहाई बहुमत है।
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