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Parliament Special Session: जल्द होगा संसद का विशेष सत्र शुरु, जानें देश में कब-कब बुलाया गया ये सत्र

PUBLISHED BY: Reepu kumari • LAST UPDATED : September 15, 2023, 8:59 am IST
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Parliament Special Session: जल्द होगा संसद का विशेष सत्र शुरु, जानें देश में कब-कब बुलाया गया ये सत्र

Parliament Special Session

India News (इंडिया न्यूज), Parliament Special Session 2023: पिछले कुछ दिनों से देश में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच संसद के विशेष सत्र को लेकर घमासान जारी है। विपक्ष त्योहार के बीच संसद के विशेष सत्र का आय़ोजन एक साजिश बता रही है तो वहीं सरकार इन दावों को झूठा बता रही है। बता दें कि मोदी सरकार के द्वारा 18 सितंबर 2023 से संसद के विशेष सत्र की शुरुआत की जा रही है। इसका आयोजन  22 सितंबर तक चलता रहेगा। बता दें  कि बुधवार (13 सितंबर 2023) को संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी किया गया था।

जारी नोटिफिकेशन के द्वारा संसद के एजेंडे को देश के सामने रखा था। विशेष सत्र में सरकार आजादी के 75 साल पूरे होने से लेकर अब तक क्या काम किया है जिसमें जी 20, चंद्रयान आदि उपलब्धता को लेकर अपनी बात रखेगी। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में विशेष सत्र को लेकर कई सवाल उठते हैं जैसे  यह क्या होता है, क्यों विशेष सत्र बुलाया जाता है, आखिर देश में कब -कब विशेष सत्र बुलाया गया है। इन सभी सवालों का जवाब हम आपको बताएंगे।

 विशेष सत्र को बुलाने की प्रक्रिया

जान लें कि राष्ट्रपति की सहमति के साथ संसद का स्वरूप बना है। भारतीय संविधान के अनुसार राष्ट्रपति देश के संवैधानिक प्रमुख हैं और संसद के महत्वपूर्ण घटक। इसके बाद भी राष्ट्रपति चर्चा में भाग नहीं लेते। जान लें कि संसद सत्र बुलाने का अधिकार संविधान का अनुच्छेद 85 (1) में दिया गया है।

इसका आयोजन सरकार के द्वारा करवाया जाता है जिसके लिए राष्ट्रपति की सहमति ली जाती है। इससे पहले सरकार के संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति की सलाह और फिर औपचारिक निवेदन की जाती है। उसके बाद राष्ट्रपति  मंजूरी। जान लें कि देश में संसद का सत्र बुलाने का कोई तय समय नहीं है। लेकिन परंपरा के मुताबिक सरकार तीन सत्र आयोजित करती है। जिसके तहत बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र शामिल  हैं।

संविधान के संसदीय कैलेंडर नहीं

देश में संसद का सत्र बुलाए जाने को लेकर कोई संसदीय कैलेंडर हमारे देश के पास मौजूद नहीं है। 1955 में एक कमेटी का निर्माण किया गया था। कमेटी  के द्वारा यह प्रस्ताव रखा गया था कि बजट सत्र 1 फरवरी से 7 मई तक, मानसून सत्र 15 जुलाई से 15 सितंबर तक और शीतकालीन सत्र 5 नवंबर (या दिवाली के चौथे दिन, जो भी बाद में हो) से आयोजित की जाए। लेकिन  इस प्रस्ताव पर कभी भी खास फोकस नहीं रखा गया। नियम के अनुसार संविधान में कहा गया है कि संसद के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा का गैप नहीं होना चाहिए। यही कारण है कि  भारत में संसद का सत्र तीन बार बुलाया जाता है।

कब-कब हुआ विशेष सत्र का आयोजन

सबसे पहले यह जान लें कि संविधान में कहीं भी शब्द ‘विशेष सत्र’ का जिक्र नहीं किया गया है। इसके बावजूद  यह आमतौर पर अहम विधायी और राष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी स्थितियों में सरकार को राष्ट्रपति के आदेश से देश के सभी सांसदों को समन करने का अधिकार देता है। साथ ही सत्र में प्रश्नकाल को भी हटाया जा सकता है। जान लें कि अब तक इस देश में संसद के सात विशेष सत्र बुलाए जा चुके हैं।

1. पहला सत्र: 1977 में आयोजित हुआ। तमिलनाडु और नगालैंड में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के आयोजित किया गया। फरवरी में दो दिनों के लिए यह राज्यसभा का विशेष सत्र आयोजित हुआ।

2. दूसरा सत्र: 1991 में दूसरा सत्र आयोजित हुआ। यह हरियाणा में राष्ट्रपति शासन की मंजूरी के लिए बुलाया गया था। जून माह में इस दो दिवसीय विशेष सत्र (158वां सत्र) का आयोजन किया गया था।

3. तीसरा सत्र: 1992 में भारत छोड़ो आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए तीसरा  संसद के विशेष सत्र का आयोजन हुआ।

4. चौथा सत्र:  भारत की आजादी की स्वर्ण जयंती का उत्सव मनाने के लिए 26 सितंबर 1997 को संसद के विशेष सत्र बुलाया गया।

5. पांचवा सत्र:  साल 2008 में लेफ्ट संगठनों की ओर से कांग्रेस की मनमोहन सिंह नीत सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया गया था। जुलाई में बहुमत साबित करने के लिए सरकार के द्वारा लोकसभा का विशेष सत्र आयोजित हुआ।

6. छठा सत्र: 26 नवंबर 2015 में  डॉ बीआर अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाने के लिए मोदी सरकार की ओर से इस सत्र का आयोजन हुआ।

7.सातवां सत्र: अप्रत्यक्ष कर (GST) में सुधार के लिए भी बीजेपी ने मध्य रात्रि में संसद के विशेष सत्र का आयोजन किया था। उस वक्त अफरा तफरी मच गई थी।

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