India News ( इंडिया न्यूज़ ), Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूर को बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जा रही। बीते गुरुवार को लगा था कि सभी मजदूर वापस आ जाएंगे। लेकिन तकनीकी खराबी के कारण ड्रीलींग को बीच में ही रोकना पड़ा। अब एक बार फिर उम्मीद की लौ जली है। NDRF ने एक वीडियो जारी कर दिखाया है कि किस तरह स्ट्रेचर के माध्यम से मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। खबर एजेंसी ANI ने वीडियो जारी किया है। जिससे पता चल रहा है कि एनडीआरएफ ने क्षैतिज पाइप के दूसरी तरफ पहुंचने पर सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए पाइप लाइन के माध्यम से पहिएदार स्ट्रेचर की आवाजाही का प्रदर्शन किया।
इससे पहले पीएमओ के पूर्व सलाहकार, भास्कर खुल्बे ने आज सुरंग से अच्छी खबर आने की उम्मी जताई थी। उन्होनें कहा था कि ” ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार अध्ययन से पता चला है कि अगले 5 मीटर में कोई धातु अवरोध नहीं है।”
तकनीक का उपयोग देता बेहतर परिणाम
जानकारों मिली है कि, यह समय में कम समय में ही पूरा किया जा सकता था, अगर ड्रिलिंग से पहले मलबे में सरिया व अन्य धातु की पहचान होने पर ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार तकनीक का यूज होता। इस कमी को प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार व राज्य सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने भी स्वीकार की है। उन्होंने अनुसार ‘इस तकनीक का उपयोग होता तो परिणाम और बेहतर रहता।’ गौरतलब हो कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 264 घंटे से ऊपर हो चुके है। 12 नवम्बर की सुबह 5:30 बजे हादसा हुआ था।
लगातार 12 दिनों से सुरंग की जंग चल रही है। आज 13 वां दिन है। कल तक घटनास्थल पर मौजूद एक्सपर्ट्स का कहना था कि वह सभी मजदूर जो हैं वह बहुत जल्द ही सुरक्षित बाहर निकल जाएंगे। इसी को देखते हुए एम्बुलेंस को पहले से ही तैयार रखा गया है। इसके साथ ही चिकित्सक भी घटनास्थल पर मौजूद हैं।
यह भी पढ़ें:-
- ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, लगाए गंभीर आरोप
- डच के अगले पीएम हो सकते है गीर्ट वाइल्डर्स, जानें इनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें