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India News (इंडिया न्यूज़), BMC Covid scam, मुंबई: महानगरपालिका के कोविड घोटाले की जांच चल रही है। मौजूदा कार्रवाई जो चल रही है वह पिछले साल दर्ज की गई शिकायत के आधार पर की जा रही है। कोविड घोटाले में सूरज चव्हाण और अन्य लोगों की जांच का तार निश्चित रूप से आदित्य ठाकरे तक पहुंचने वाले है ऐसा माना जा रहा है। चव्हाण आदित्य की परछाई बने हुए थे।
गुरुवार को ईडी की छापेमारी के दौरान आदित्य के करीबी सूरज चव्हाण के पास करोड़ों नकद मिले। 24 वर्षों से मुंबई में महानगरपालिका पर शिवसेना का क़ब्जा रहा है। जाँच कर रही एजेंसी को शिकायत मिली थी की सामानों को उच्चों दामों पर खरीदा गया। ईडी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बॉडी बैग की कीमत 6719 रुपए किसने और किसके लिए तय की, आपूर्ति किसने की और पीपीई किट की कीमत इतनी अधिक क्यों निर्धारित की गई।
बॉडी बैग की खरीद में भ्रष्टाचार हुआ बैग किस तरह का होना चाहिए और कीमत कितनी होनी चाहिए थी इसकी भी जाँच चल रही है । रोजाना पांच हजार पीपीई ली जाती थीं लेकिन इसके लिए टेंडर प्रक्रिया नहीं की गई। रेमडेसिविर का एक इंजेक्शन हाफकिन से 600 रुपए में मिलता था, लेकिन इसे 1568 रुपए में खरीदा गया। रेमडेसिविर इंजेक्शन की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी की गई।
कोविड के दौरान ख़रीद घोटाले के अलावा जाँच कर रही ED उस दौरान बनाये गये कोविड अस्थायी अस्पताल घोटालों को भी देख रही है । इसमें संजय राउत के करीबी सुजीत पाटकर भी घेरे में है। इंडिया न्यूज के हाथ लगे दस्तावेज के मुताबिक़ टेंडर प्रक्रिया में म्युनिसिपल कमिश्नर के भी दस्तख़त है।
ED जाँच में यह ढूँढ रही है की आख़िर आका कौन है , जिसके इशारे पर यह किया गया । उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार तब काम कर रही थी । ED ने इस सिलसिले में लगभग 16 लोगो के यहाँ छापे मारे थे । ED ने जब तब के तत्कालीन अतिरिक्त महानगरोलिका आयुक्त संजीव जयसवाल के घर जाँच के लिये पहुँची। जायसवाल की पत्नी ने 90 के दशक में ख़रीदी की गई मढ़ आइलैंड की ज़मीन , परकीनसन से पीड़ित माँ द्वारा की वसीयत में ज़मीन और आभूषणों की जानकारी दी।
इस बीच महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग ने एक SIT का गठन किया है जिसके मुखिया मुंबई पुलिस की आर्थिक शाखा के प्रमुख के देख रेख में BMC में हुए घोटाले कि जाँच करेगी। ऐसा माना जा रहा है कि कमेटी अपनी रिपोर्ट बीएमसी चुनाव के ऐलान के पहले सरकार को सौंप देगी। वही उद्धव ठाकरे गुट को लगता है की यह उन्हें बदनाम करने के लिए किया जा रहा है । आनेवाले वक़्त में इस घोटाले को लेकर महाराष्ट्र में सियासत गर्मायी रहेगी क्योंकि बीएमसी के अलावा नागपुर , पुणे सहित 6 महानगरपालिकाओ के चुनाव लंबित है ।
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