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इस विवाह को क्या नाम दूं? एक बारात में जबरन करा दी गई 5 दोस्तों की शादी, पकड़वा विवाह का दूसरा नाम है ये गांव!

BY: Preeti Pandey • LAST UPDATED : November 15, 2024, 10:06 am IST
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इस विवाह को क्या नाम दूं? एक बारात में जबरन करा दी गई 5 दोस्तों की शादी, पकड़वा विवाह का दूसरा नाम है ये गांव!

Pakadwa marriage: इस विवाह को क्या नाम दूं? एक बारात में जबरन करा दी गई 5 दोस्तों की शादी

India News (इंडिया न्यूज़), Pakadwa marriage: पकड़वा विवाह 80-90 के दशक में बंदूक की नोक पर दूल्हे का अपहरण कर उससे शादी करने की प्रथा की शुरुआत को पकड़वा विवाह नाम दिया गया। ये शादी बिहार को एक अलग नजरिए से देखने का चश्मा बन गई। खासकर भूमिहार और राजपूत समुदाय में इसकी शुरुआत के सबूत खूब मिलते हैं। हालांकि इसके बाद ये शादी सभी जातियों में देखने को मिलने लगी। पकड़वा विवाह की वापसी साल 2024 में भी देखने को मिली है।

बंदूक की नोक पर हुई थी शादी

1989 में बिहार के समस्तीपुर जिले के रोसरा अनुमंडल के सहियार डीह के प्राइवेट शिक्षक मनोज कुमार सिंह की बारात बेगूसराय के सिमरिया के लिए निकलती है। बारात जब गंतव्य पर पहुंचती है तो बदमाश बारात के कई लड़कों को पकड़ लेते हैं। जिसमें से 5 लड़कों की शादी बंदूक की नोक पर करा दी जाती है। अगले दिन जब बारात अपने गांव लौटती है तो गांव वाले कुछ समझ नहीं पाते जब देखते हैं कि एक दुल्हन लाने गए बारातियों के साथ पांच दुल्हनें भी हैं। फिर बताया जाता है कि 5 बारातियों की शादी हो चुकी है। इस तरह 90 के दशक में हुई इस शादी का नाम पकड़वा विवाह पड़ा। तभी से इस गांव को पकड़वा विवाह गांव भी कहा जाने लगा। जो आज भी चर्चा में है।

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जिसकी शादी हुई, उसकी किस्मत बदल गई

गांव वालों की मानें तो जिसकी शादी हुई, उसकी किस्मत बदल गई। लोकल 18 के मुताबीक जब उन्होने उस गांव की पड़ताल की जहां 30 साल बाद बिहार की पहली पकड़वा शादी हुई। इस दौरान बाराती रहे सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि कुछ लड़के पढ़ाई कर रहे थे और कुछ कुछ नहीं कर रहे थे, लेकिन इस शादी के बाद पांचों दूल्हों की नौकरी लग गई। दूल्हों में एक का नाम राजीव सिंह था, दूसरे का नाम डॉ सुशील कुमार सिंह था जिनकी इसी साल मौत हो गई।

तीसरे का नाम धर्मेंद्र कुमार सिंह जबकि चौथे का नाम सरोज कुमार सिंह था। जबकि गांव वालों ने पांचवें दूल्हे का नाम न बताने का अनुरोध किया। इस वजह से हम नहीं बता सकते। सबसे अच्छी बात यह रही कि एक दुल्हन लाने गए बाराती पांच दुल्हनों को लेकर गांव लौटे।

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