India News (इंडिया न्यूज), Excise department rules: भारत देश में शराब पीने वालों की कमी नहीं है। किसी भी शहर में शराब की हर दुकान पर कम से कम दो से तीन लोग शराब पीते देखे ही जा सकते हैं। शराब पीने वालों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि शराब महंगी है या सस्ती, उन्हें तो बस पीना है। हालांकि शराब के शौकीनों के लिए साल में एक बार ऐसा मौका आता है जब उन्हें सस्ती शराब मिल जाती है। इस समय शराब की चाहत रखने वाले लोग अपने घरों में इसका स्टॉक कर लेते हैं।
दरअसल, मार्च का महीना खत्म होते ही कई शराब की दुकानों पर शराब सस्ती हो जाती है। इतना ही नहीं, शराब का स्टॉक खत्म करने के लिए ठेकेदार एक के बाद एक शानदार ऑफर लेकर आते हैं। कहीं एक बोतल पर एक फ्री मिलती है तो कहीं एक से ज्यादा बोतल खरीदने पर भारी छूट मिलती है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? साल भर तो शराब अपने तय रेट पर मिलती है, लेकिन मार्च का महीना आते ही यह सस्ती क्यों हो जाती है?
Excise department rules
बैंकों या कई कॉरपोरेट ऑफिस में आपने फाइनेंशियल ईयर के बारे में सुना होगा। यह 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है। जैसे बैंक या अन्य दफ्तरों में वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले अकाउंट क्लियर करना होता है, वैसा ही आबकारी विभाग में भी होता है। आबकारी विभाग का वित्तीय वर्ष 31 मार्च को खत्म हो रहा है। नियमानुसार शराब ठेकेदारों को 31 मार्च की रात 12 बजे तक अपना पूरा स्टॉक खत्म करना होता है। ऐसा न होने पर बचा हुआ स्टॉक सरकारी खाते में जमा हो जाएगा और उसकी बिक्री बंद हो जाएगी।
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तो यही वजह है कि मार्च में शराब की दुकानों पर एक से बढ़कर एक ऑफर दिए जाते हैं। हालांकि ये ऑफर सभी सरकारी दुकानों पर नहीं मिलते। कुछ ही दुकानों पर ऐसे ऑफर दिए जाते हैं। दरअसल, ये दुकानदारों का निजी फैसला होता है कि वो ग्राहकों को अपना बचा हुआ स्टॉक खत्म करने के लिए किस तरह का ऑफर देते हैं, अगर किसी दुकान पर स्टॉक नहीं बचा है तो ऐसी स्थिति में आपको वहां किसी तरह का ऑफर नहीं मिलेगा।