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India News (इंडिया न्यूज), Karnataka Buffalo Dispute: क्या आपने कभी जानवरों के डीएनए टेस्ट के बारे में सुना है? जी हाँ, इससे जुड़ा एक बेहद दिलचस्प मामला कर्नाटक से सामने आया है, जहां एक भैंस के मालिकाना हक को लेकर दो गांवों के बीच विवाद इतना बढ़ गया है कि पुलिस को डीएनए टेस्ट का सहारा लेना पड़ रहा है। यह घटना देवनगरी जिले की है, जहां कुनीबेलकेरे और कुलगट्टे नाम के दो गांवों के लोग एक भैंस पर अपना हक जता रहे हैं। यह भैंस एक मंदिर से जुड़ी हुई है और स्थानीय लोग इसकी पूजा भी करते हैं। इस दिलचस्प विवाद ने इलाके में खूब चर्चा बटोरी है।
दरअसल, करीब आठ साल पहले कुनीबेलकेरे गांव के लोगों ने अपनी देवी करिअम्मा को एक भैंस समर्पित की थी। हाल ही में बेलेकर गांव में एक लावारिस भैंस मिली, जिसके बाद विवाद शुरू हो गया। कुलगट्टे गांव के लोगों का दावा है कि यह भैंस दो महीने पहले उनके गांव से खो गई थी और वे इसे वापस अपने गांव ले गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुलगट्टे गांव के लोगों का कहना है कि यह भैंस दो महीने से उनके गांव से गायब थी।
दूसरी ओर कुनीबेलाकेर गांव के लोग इस भैंसे पर अपना हक जताते हुए कह रहे हैं कि यह वही भैंसा है जिसे उन्होंने देवी को समर्पित किया था। इस आरोप-प्रत्यारोप के चलते दोनों गांवों के बीच तनाव बढ़ गया, जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। स्थिति को नियंत्रित करने और सच्चाई का पता लगाने के लिए पुलिस ने भैंसे का डीएनए टेस्ट कराने का फैसला किया है।
भैंसे की उम्र को लेकर भी दोनों गांवों के बीच मतभेद है। कुनीबेलाकेर गांव के लोगों का कहना है कि भैंसा आठ साल का है, जबकि कुलगट्टे गांव के लोग इसकी उम्र तीन साल बता रहे हैं। पशु चिकित्सकों द्वारा की गई जांच में भैंसे की उम्र छह साल पाई गई, जो कुनीबेलाकेर गांव के दावे के काफी करीब है। हालांकि कुलगट्टे गांव के लोग इस नतीजे से सहमत नहीं हैं, जिसके चलते विवाद और बढ़ गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए कुनीबेलकेरे गांव के लोगों ने कुलगट्टे गांव के सात लोगों के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज कराया और भैंस का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की। देवनगरी जिले के एडिशनल एसपी विजयकुमार संतोष ने बताया कि डीएनए सैंपल लिए गए हैं और अब रिपोर्ट का इंतजार है। डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि भैंस का असली मालिक कौन है और विवाद का निपटारा हो सकेगा।
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