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India News (इंडिया न्यूज), ITR Filing, नई दिल्ली: आज आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने का आखिरी दिन है. यानी 31 जुलाई के बाद अगर आप आयकर भरते हैं तो आपको फाइन देना पड़ सकता है। जब भी आईटीआर फाइल करने का वक्त आता है तो लोगों के बीच ये सवाल जरूर उठता है कि अगर किसी शख्स की मृत्यु आईटीआर फाइल करने से पहले ही हो जाती है तो क्या फिर भी आईटीआर फाइल करना पड़ता है। ऐसे में विभाग की ओर से क्या कदम उठाया जाता है, चलिए जानते हैं।
आयकर अधिनियम की धारा 159 (Income Tax Act Section 159) में इसका जिक्र है कि क्या मृत व्यक्त का भी इनकम टैक्स रिटर्न भरना जरूरी है या नहीं। इस धरा के अनुसार कोई ऐसा आयकरदाता है जिसकी मृत्यु हो जाती है टैक्स भरने से पहले ही तो इस धारा में किए गए प्रावधान के अनुसार मृत आय़करदाता की जगह पर उतनी ही राशी उसकी तरफ से उसका कानूनी वारिस जो होगा वो उस टैक्स को भरने के लिए उत्तरदायी होगा।
इन परस्थितियों में आय़कर विभाग (Income Tax Department) आयकर दाता (Income Tax Payer) के घर पर आईटीआर फाइल करने के लिए नोटिस भेजती है। चुकि आय़कर दाता की मृत्यु हो चुकि है इसलिए उसकी जगह उसका कानूनी वारिस उस नोटिस का जवाब देने के लिए उत्तरदायी होगा। इसके साथ ही अगर विभाग की ओर से आयकर दाता पर कोई जुर्माना लगाया गया है या कोई लेट फीस मांगी गई है तो वारिस को उसे देने के लिए बाध्य नहीं किया जाता सकता है।
आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि मृत व्यक्ति की ओर से हर कोई आईटीआर फाइल नहीं कर सकता है इसके लिए कानूनी रूप से मंजूरी लेनी पड़ती है। कोर्ट मृत व्यक्ति के किसी करीबी सदस्य जैसे पति-पत्नी या बेटे-बेटी या किसी और को कानूनी वारिस बना सकती है। अगर आप चाहें तो स्थानीय नगर निगम से भी कानूनी वारिस की मान्यता हासिल कर सकते हैं।
कानूनी वारिस बनने की अनुमति मिलने के बाद आयकर विभाग की वेबसाइट पर खुद को मृत व्यक्ति के कानूनी वारिस के तौर पर रजिस्टर करना होगा।
इसके लिए कोर्ट से या नगर निगम से मिली कानूनी वारिस प्रमाण पत्र की कॉपी भी जमा करना होगा। जिसके बाद ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होगी। प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद आयकर विभाग की तरफ से इसकी सूचना भेज दी जाती है।
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