India News (इंडिया न्यूज),Killer Squirrels: जमीन पर चलने वाली गिलहरियाँ, तारों और पेड़ों पर चलने और दौड़ने वाली गिलहरियाँ। हमने अक्सर उन्हें मेवे, बीज, फल, फूल और पत्ते खाते हुए देखा है। अब वे मांसाहारी बन रहे हैं। वे हत्यारे बन गए हैं। यह कैलिफोर्निया के कुछ पार्कों की सच्ची घटना है। खास तौर पर कॉन्ट्रा कोस्टा काउंटी के स्थानीय पार्कों की। किसी ने कभी नहीं सोचा था कि ये मासूम सी दिखने वाली गिलहरियाँ अचानक से हत्यारे बन जाएँगी। आजकल इन पार्कों में वोल्स नामक छोटे चूहे के आकार के जीवों को उनके मुँह में ठूँस दिया जाता है। पहले वे उनका बेरहमी से शिकार करते हैं। फिर हड्डियों से मांस नोचकर खाते हैं। यह एक अद्भुत बदलाव है।
कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय और विस्कॉन्सिन-ओ क्लेयर विश्वविद्यालय के छात्र 12 साल से ब्रियोन्स रीजनल पार्क में इन गिलहरियों का अध्ययन कर रहे हैं। लेकिन इस गर्मी में पहली बार छात्रों को कुछ अलग और आश्चर्यजनक देखने को मिला। विस्कॉन्सिन-ओ क्लेयर विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर जेनिफर स्मिथ ने एक ‘टीम स्क्विरल’ बनाई। उन्होंने गिलहरियों की गतिविधियों पर नज़र रखना शुरू किया।
Killer Squirrels: जब शाकाहारी गिलहरियाँ बनीं शिकारी,
हमने मांसाहारी गिलहरियों की हरकतों का वीडियो बनाना शुरू किया। तस्वीरें लेना शुरू किया। पता चला कि यहाँ के कैलिफ़ोर्नियाई ग्राउंड गिलहरी शाकाहारी हैं। वे कभी भी कीड़ों, अंडों, छोटे पक्षियों या चूहों पर हमला नहीं करते। लेकिन जब उन्होंने वोल्स पर हमला करना शुरू किया, तो लोगों ने देखा। छात्रों ने भी देखा। आमतौर पर ये गिलहरियाँ वोल्स का पीछा करती हैं और उनकी गर्दन या सिर को काटती हैं। वे उन्हें पकड़ लेती हैं।
गिलहरी वोल के पीछे भागती है। कई बार सफल नहीं होती लेकिन शिकार क्रूरता से किया जाता है। इसके बाद सबसे पहले पकड़े गए वोल का सिर खाती है। हड्डियां आदि सब कुछ। मांस फाड़कर खाती है। कुछ गिलहरियां पहले से किसी के द्वारा शिकार किए गए शिकार को चुरा लेती हैं।
दरअसल इस पार्क में वोल की आबादी बढ़ी है। वोल की संख्या संतुलित बनी हुई है। न बढ़ती है न घटती है। इनकी आबादी कई सालों में एक बार बढ़ती है। यानी तीन से पांच साल में। इस साल पार्क में वोल की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी। पिछले दस सालों के औसत से सात गुना तेज गति से। वैज्ञानिकों ने समझा कि वोल की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए गिलहरियों को यह बदलाव करना पड़ा। ताकि उनका भोजन और पानी बच जाए। क्योंकि चूहे जैसे दिखने वाले ये जीव गिलहरियों का भोजन खाते हैं। इसलिए गिलहरियों ने इनका शिकार करना शुरू कर दिया।