India News (इंडिया न्यूज), Male Octopus: समुद्र के रहस्यमयी जीवों में से एक ऑक्टोपस अपने अनोखे स्वभाव और असाधारण क्षमताओं के लिए जाना जाता है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने इसके एक बेहद चौंकाने वाले व्यवहार का खुलासा किया है। ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला ब्लू-लाइन्ड ऑक्टोपस (Blue Lined Octopus) अपनी प्रजनन प्रक्रिया के दौरान एक खतरनाक तरीका अपनाता है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार नर ऑक्टोपस, मादा को अपने जहरीले जहर से बेहोश कर देता है और फिर उससे संबंध बनाता है। इस विचित्र व्यवहार ने वैज्ञानिकों को भी हैरान कर दिया है। लेकिन जब उन्होंने इसकी गहराई से जांच की, तो इसका कारण चौंकाने वाला निकला।
ऑक्टोपस की कई प्रजातियों में एक बेहद डरावनी प्रवृत्ति पाई जाती है—यौन नरभक्षण (Sexual Cannibalism)। यानी मादा, प्रजनन के बाद नर को खा जाती है। यह प्रकृति का एक क्रूर लेकिन स्वाभाविक नियम है। दरअसल, मादा ऑक्टोपस अंडे देने के लिए काफी ऊर्जा खर्च करती है, और इस ऊर्जा की भरपाई के लिए वह नर को अपना शिकार बना लेती है। यही कारण है कि नर ऑक्टोपस ने अपनी सुरक्षा के लिए अलग-अलग तरीके विकसित कर लिए हैं। कुछ प्रजातियों में नर का प्रजनन अंग इतना लंबा हो गया है कि वह दूर से ही प्रजनन कर सकता है। लेकिन ब्लू-लाइन्ड ऑक्टोपस के साथ ऐसा नहीं हुआ।
Male Octopus
इस प्रजाति के नर ऑक्टोपस का मेटिंग आर्म (प्रजनन अंग) छोटा होता है, जिसकी वजह से उसे मादा के बहुत करीब जाना पड़ता है। यह स्थिति उसके लिए बेहद खतरनाक होती है क्योंकि मादा तुरंत उसे पकड़कर खा सकती है। खुद को बचाने के लिए नर ऑक्टोपस एक अनोखा तरीका अपनाता है, वह मादा को टेट्रोडोटॉक्सिन (Tetrodotoxin) नाम के घातक जहर से बेहोश कर देता है और फिर उससे संबंध बनाता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, ब्लू-लाइन्ड ऑक्टोपस दुनिया के सबसे जहरीले जीवों में से एक है। ऑस्ट्रेलिया में इस ऑक्टोपस के काटने से कई लोगों की मौत हो चुकी है। जब यह ऑक्टोपस किसी शिकार को पकड़ता है, तो वह अपने शरीर से एक बेहद शक्तिशाली जहर छोड़ता है, जिससे शिकार पूरी तरह से निष्क्रिय हो जाता है। लेकिन पहली बार वैज्ञानिकों ने पाया कि यह ऑक्टोपस अपने जहर का इस्तेमाल सिर्फ शिकार के लिए नहीं, बल्कि प्रजनन के दौरान भी करता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, नर ऑक्टोपस पहले मादा के पीछे से धीरे-धीरे आता है और उसे शरीर के एक विशेष हिस्से में काटता है। काटते ही मादा के शरीर में जहर फैलने लगता है और वह कुछ समय के लिए पूरी तरह निष्क्रिय हो जाती है। इस दौरान नर ऑक्टोपस प्रजनन की प्रक्रिया पूरी कर लेता है और फिर वहां से भाग जाता है। जब मादा को होश आता है, तो वह इतनी कमजोर होती है कि नर को पकड़कर खाने की स्थिति में नहीं रहती।
इस शोध का नेतृत्व करने वाले ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ क्वीन्सलैंड के न्यूरोबायोलॉजिस्ट वेन सुंग चुंग ने बताया कि यह खोज बेहद अनोखी है। पहले यह माना जाता था कि ऑक्टोपस सिर्फ शिकार पकड़ने या खुद की रक्षा के लिए जहर छोड़ते हैं। लेकिन यह पहली बार देखा गया कि वे अपने जीवन साथी पर ही जहर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि मादा ऑक्टोपस इस जहरीले हमले से मरती नहीं है। इसका मतलब है कि उनके शरीर में इस जहर को सहने की क्षमता होती है। हालांकि, यह जहर उन्हें अस्थायी रूप से कमजोर कर देता है, जिससे नर को भागने का पर्याप्त समय मिल जाता है।
प्रजनन के दौरान नर की जान बचाने के लिए ब्लू-लाइन्ड ऑक्टोपस का यह तरीका प्रकृति के असाधारण विकास को दर्शाता है। यौन नरभक्षण से बचने के लिए कुछ प्रजातियों ने अपने शरीर को बदला, तो कुछ ने अपने व्यवहार को। ब्लू-लाइन्ड ऑक्टोपस ने अपने ही घातक जहर को एक अनोखे तरीके से इस्तेमाल करना सीख लिया। यह शोध प्रतिष्ठित जर्नल “करेंट बायोलॉजी” में प्रकाशित हुआ है और यह समुद्री जीव विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज मानी जा रही है। यह अध्ययन न केवल ऑक्टोपस के अनूठे व्यवहार को उजागर करता है, बल्कि प्रकृति में जीवों के अद्भुत अनुकूलन (Adaptation) को भी दर्शाता है।
समुद्र की गहराइयों में छिपे रहस्य कभी-कभी हमारी सोच से भी परे होते हैं। ब्लू-लाइन्ड ऑक्टोपस की यह खोज एक बार फिर साबित करती है कि जीव-जंतु अपनी सुरक्षा और अस्तित्व को बनाए रखने के लिए कितनी चतुराई से खुद को विकसित कर सकते हैं। भले ही यह तरीका अजीब और चौंकाने वाला लगे, लेकिन यह प्राकृतिक चयन का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह अध्ययन समुद्री जीवों के व्यवहार को समझने में वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।