Politics between Maneka Gandhi and Varun Gandhi
राजीव रंजन तिवारी
Politics between Maneka Gandhi and Varun Gandhi
नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ा राजनीतिक घराना यानी नेहरू-गांधी परिवार की बहू मेनका गांधी के घर में कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। राजनीति में वैसे तो अफवाह बहुत उड़ती हैं, पर कुछ अफवाहों के आधार भी होते हैं। कुछ इसी तरह की बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद मेनका गांधी और उनके पुत्र भाजपा सांसद वरुण गांधी को लेकर हो रही हैं। कहा जा रहा है कि मां-बेटे के बीच राजनीतिक मुद्दों को लेकर तकरार हो गई है। मतलब ये कि आपसी मनमुटाव और रिश्तों में दरार की बातें भी खुलकर सामने आ रही हैं। आइए जानते हैं कि यह सब क्यों हुआ और इसके पीछे की कहानी क्या है।
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गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी विभिन्न मुद्दों पर अपनी ही सरकार को घेर रहे हैं। किसानों के मुद्दों को लेकर अक्सर वरुण यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को लपेटे में लेते रहते हैं। हाल ही में हुई लखीमपुर खीरी कांड के बाद जहां भाजपा बैकफुट पर थी, वहीं वरुण गांधी अपनी ही यूपी सरकार पर हमलावर थे। सूत्रों का कहना है कि वरुण की राजनीतिक बयानबाजी से चिंतित मां मेनका गांधी ने उन्हें ऐसा न करने के लिए कई बार समझाया। किन्तु, वरुण नहीं माने। वो लगातार यूपी सरकार को निशाने पर लेते रहे। हालांकि मां-बेटे की अलग-अलग सियासत है। इसमें किसी को भी किसी के मामले में हस्तक्षेप करने का कोई सार्वजनिक अधिकार नहीं है। इसी क्रम में राजनीतिक हलकों में यह चर्चाएं तैरने लगीं कि बहुत जल्द मेनका गांधी और वरुण गांधी अपने परिवार की पुश्तैनी पार्टी कांग्रेस में शामिल हों जाएंगे। यद्यपि इन लोगों की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया। फिर भी मीडिया खासकर सोशल मीडिया में चर्चाएं खूब हुईं और अब भी जारी हैं। पर हकीकत कुछ और ही था।
मेनका और वरुण के संभावित कांग्रेसी बनने की अफवाहों के बीच पिछले दिनों भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा हो गई। दिलचस्प ये कि उस कार्यकारिणी से दोनों मां-बेटा आऊट थे। फिर उस बात को बल मिल गया कि अब तो इन्हें कांग्रेसी बनने से कोई रोक ही नहीं सकता। ये बहुत जल्द भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि इस मुद्दे पर वरुण गांधी ने अपनी तैयारी भी कर ली है। वे अपने बड़े भाई राहुल गांधी और बहन प्रियंका गांधी के साथ मिलकर कांग्रेस के लिए काम करना चाहते हैं। जबकि मां मेनका उन्हें ऐसा करने से रोक रही हैं। बताते हैं कि इसी मसले पर मां-बेटा में कई किस्तों में बहसबाजी हो चुकी है। वैसे इस तकरार में सच्चाई कितनी है, ये तो उन्हें ही पता होगा। पर, सुल्तानपुर में सोमवार को मेनका गांधी द्वारा दिया गया यह बयान राजनीतिक प्रेक्षकों की नजर में तकरार का आधार बन सकता है।
दरअसल, भाजपा में कथित रूप से कद घटने के बाबत सुल्तानपुर की भाजपा सांसद मेनका गांधी से पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे भाजपा में ही खुश हैं। न तो उनका कोई कद घटा है, न ही पद। वो लंबे समय तक भाजपा की कार्यकारिणी में रही हैं। अब यदि नहीं है तो क्या हुआ। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वहीं दूसरी तरफ वरुण गांधी भयंकर तरीके से गुस्से में हैं। वरुण के करीबी बताते हैं उन्हें (वरुण को) यह लगता है कि भाजपा में मां-बेटा को बेइज्जत किया जा रहा है। मेनका गांधी को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया। उन्हें (वरुण) मंत्री नहीं बनाया गया। अब संगठन से भी बेदखल करने की कोशिशें चल रही हैं।
बहरहाल, कहा जा रहा है कि इन्हीं मसलों पर मां-बेटे में रार जारी है। हालांकि यह सब अंदर की बातें हैं। इसमें सच्चाई कितनी है, ये मेनका-वरुण ही जानते होंगे। पर, इस मुद्दे पर राजनीतिक हलकों में अफवाहों का बाजार गर्म है। अब देखना यह है कि यह तकरार किस मुकाम तक पहुंचकर थमती है।
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