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बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (Rupee Rate: The dollar index fell 0.37% to 104.19): सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 17 पैसे की गिरावट के साथ 82.23 पर बंद हुआ। शुरुआती समय में रुपया लाभ के साथ ट्रेड कर रहा था लेकिन कारोबारी समय के बाद गिरावट के साथ बंद होने पर घरेलू इक्विटी बाजार को भी नुकसान हुआ। कारोबारियों ने अनुसार कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के कमजोर होने से भारतीय मुद्रा की गिरावट पर लगाम लगी। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 81.78 पर मजबूत खुली और इंट्रा-डे के दौरान 82.2375 के निचले स्तर पर बंद हुई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट, दिलीप परमार ने कहा “भारतीय रुपया बिगड़ती जोखिम की भूख, बॉन्ड यील्ड में गिरावट और विदेशी फंड के बहिर्वाह के कारण एशियाई मुद्राओं के बीच सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला बन गया है।” उन्होंने कहा, “अल्पावधि में, स्पॉट यूएसडीआईएनआर के 81.70 से 83 के बीच मजबूत होने की उम्मीद है।”
एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी अनुसंधान विश्लेषक, जतिन त्रिवेदी ने कहा “पूंजी बाजार में एफआईआई बिकवाली ने रुपये को 81.75 के करीब प्रतिरोध दिया और कीमतें 82.15 से नीचे आ गईं। रुपये की कमजोरी तब तक जारी रहेगी जब तक बाजार में एफआईआई की बिकवाली का दबाव रहेगा। रुपये का दायरा 81.70-82.45 के बीच देखा जा सकता है।
विदेशी संस्थागत निवेशक (Foreign Institutional Investors) एक व्यक्ति या संस्था है जो दूसरे देश के वित्तीय बाजारों और प्रतिभूतियों में निवेश करता है। रेगुलेटर सेबी, देश में विदेशी संस्थागत निवेश को नियंत्रित करता है, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एफआईआई भागीदारी को नियंत्रण में रखने के लिए निवेश की सीमा को बनाए रखता है।
हफ्ते के पहले कारोबारी दिन, सोमवार 13 मार्च को शयेर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। सेंसेक्स 897 अंक की गिरावट के साथ 58,237 पर बंद हुआ तो वहीं निफ्टी 258 अंक की गिरावट के साथ 17,154 पर बंद हुआ। बैंक निफ्टी भी 920 अंक की गिरावट के साथ 39,564 पर बंद हुआ।
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