इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
Singhu border lynching case : पंजाब के किसानों को सिंघु बॉर्डर पर हुई लखबीर सिंह हत्याकांड को लेकर कोई मलाल नहीं है। प्रदर्शन कर रहे किसान कह रहे हैं कि आंदोलन और धर्म अलग नहीं है। दोनों एक साथ चलेंगे। वहीं निहंगों को लेकर किसानों को कहना है कि किसी भी कीमत पर निहंग वहां से नहीं हटेंगे। वो वहीं रहेंगे। निहंग सिंघु बॉर्डर पर किसानों और सिख धर्म की रक्षा के लिए हैं। रेल रोको आंदोलन के दौरान किसानों ने कहा कि निहंगों को पूरी कौम का समर्थन प्राप्त है। अगर फिर किसी ने बेअदबी की तो यही होगा जो सिंघु बॉर्डर पर हुआ।
14 अक्टूबर दशहरे के दिन अलसुबह धार्मिक ग्रंथ की कथित बेअदबी करते हुए एक युवक को निहंगों ने पकड़ लिया था। जिसके बाद निहंगों ने उस युवक का हाथ काट दिया और उसको जिंदा ही बैरिकेड पर टांग दिया। जिसके बाद वो युवक तड़पकर मर गया। मृतक युवक पंजाब के तरनतारन का रहने वाला एक दलित था। जिसकी मौत के बाद से सिंघु बॉर्डर पर निहंगों की मौजूदगी पर सवाल उठने लगे हैं।
Singhu border lynching case
इस बारे में जब किसान नेता कुलबीर सिंह लोपके ने कहा कि 2015 से अब तक गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की कई घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर दोषी पकड़े भी जाएं तो पुलिस सख्ती से कार्रवाई नहीं करती। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गुरुग्रंथ साहिब मेरे पिता हैं।
अगर मेरे पिता पर कोई हमला करेगा तो वह अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे। इसके लिए मैं अपनी जान की परवाह नहीं करूंगा। सिखों में अपने पिता के प्रति भावना पनप गई है। सरकार इंसाफ नहीं दे पा रही। हमें खुद ही इंसाफ लेना पड़ेगा। निहंगों ने जो किया, उसकी जिम्मेदारी ली और कानून के सामने सरेंडर किया। उन्होंने सम्मानजनक काम किया। दुनिया उसे गुनाह मान रही है लेकिन हमारे लिए ये गर्व की बात है।
एक और सवाल के जवाब में किसान नेता ने कहा कि मलाल करने का कोई सवाल ही नहीं है। वहीं आंदोलन में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि निहंगों ने एकदम बढ़िया काम किया है। किसानों ने कहा कि पूरे पंजाब के लोग उन निहंगों के साथ हैं। जो हमारे बाप की दाढ़ी पर हाथ डालेगा, उसे मार दिया जाना चाहिए, अगर कोई और ऐसा करेगा तो उनको भी मार दिया जाएगा। Singhu border lynching case
किसान प्रदर्शन में पहुंचे निहंग ने बताया कि जो भी गुरु की बेअदबी करेगा उसका सिर काट दिया जाएगा। हम पर कितना भी जुल्म करो हम सह लेंगे। लेकिन बेअदबी हम किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकते। सभी सिखों को निहंगों को समर्थन है। किसानों ने कहा कि कई बार सीधी उंगली से घी नहीं निकलता तो उंगली टेढ़ी करनी पड़ती है। निहंगों ने जो किया सही किया। हमें कोई मलाल नहीं है।
जब निहंगों से यह पूछा गया कि क्या उस व्यक्ति की हत्या इसलिए हुई कि वह दलित था और उसके गुरु ग्रंथ साहिब को छू लिया। जिस पर निहंग ने जवाब दिया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब को हिंदू, ईसाई, दलित, मुस्लिम कोई भी छू सकता है। यह बात सरासर गलत है। गुरु नानक देव जी की शिक्षा के अनुसार सभी बराबर हैं। चाहे जात कोई भी हो। समाज का बंटवारा हो सकता है लेकिन इंसानियत का नहीं। किसी भी धर्म, जात, वर्ग को इंसान छोटा नहीं है। सभी एक हैं। ऐसे में किसी भी तरह के भेदभाव का सवाल ही पैदा नहीं होता।
पुरुषों के साथ महिलाएं भी किसानों के आंदोलन में शामिल हो रही हैं। वहीं जब इस संबंध में महिलाओं से बात की गई तो उन्होंने कहा कि निहंगों ने जो कुछ भी सिंघु बॉर्डर पर किया उससे आंदोलन कमजोर नहीं होगा। हम सब पहले भी एक थे और अब भी एक रहेंगे। वहीं जो कोई भी धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी करेगा उसे सजा जरूर मिलेगी। हमारे धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी करवाई गई है। निहंगों ने जो किया ठीक किया, जब कानून कुछ नहीं कर पाता तो हमें कानून खुद हाथ में लेना पड़ता है। Singhu border lynching case
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की हत्या के पिछे कानून और प्रशासन की विफलता है। पिछले 5-6 सालों में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के 400 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। पूरे मामलों की जांच एक स्वतंत्र कमेटी को करनी चाहिए।
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