संबंधित खबरें
2025 में इस नाम वाले लोगों पर होगी पैसों की बरसात, बाबा वेंगा ने कर दी बड़ी ये भविष्यवाणी, इन 5 राशियों के लिए खुलेगा किस्मत का दरवाजा
इस मुस्लिम शासक ने मस्जिदों को शिक्षा का केंद्र…संस्कृत ग्रंथों का फारसी में करवाया अनुवाद, फिर भी हिंदुओं से करता था नफरत, मां थीं हिंदू सुनार
अंतिम संस्कार कर घर गया परिजन, जब सुबह अस्थियां लेने गया तो हुआ कुछ ऐसा…बुलानी पड़ गई पुलिस
रशियन लड़कियों की इस एक चीज के दिवाने हैं भारत के लड़के, देश की इन 3 जगहों पर मिलेंगी ज्यादा रूसी महिलाएं
छात्र को नशा देकर महिला टीचर ने 20 से अधिक बार बनाया संबंध, आफ्टर स्कूल कार्यक्रम के बहाने करती थी ये घिनौना काम, अब कोर्ट ने दी ऐसी सजा नहीं भूल पाएंगी 7 पुश्तें
पकड़ा Akhilesh Yadav का खेल? CM Yogi के सिंघमों को बदनाम करने की कोशिश फेल…वीडियो ने खोली पोल
India News (इंडिया न्यूज़), Japan Earthquake: जापान में अक्सर भूकंप के तेज और धीरे झटके लगते रहते हैं। इस बीच जापान में मंगलवार (2 अप्रैल) को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.1 मापी गई। भूकंप के झटके उत्तरी जापान के इवाते और आओमोरी प्रान्त में महसूस किए गए। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक भूकंप का केंद्र इवाते प्रान्त का उत्तरी तटीय हिस्सा था। इससे पहले, नए साल पर पश्चिमी जापान में आए सिलसिलेवार भूकंप में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान कई इमारतें, वाहन तथा नौकाएं भी क्षतिग्रस्त हो गईं थीं।
बता दें कि, अधिकारियों ने भूकंप के खतरे को देखते हुए चेतावनी जारी कर कुछ क्षेत्र में लोगों को अपने घरों से दूर रहने को कहा था। एक जनवरी को इशिकावा प्रांत और आसपास आए भूकंप के करीब 100 झटकों में सर्वाधिक 7.6 तीव्रता का भूकंप भी शामिल था। जिसके बाद सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई थी। गौरतलब है कि, पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट्स एक दूसरे से ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने की वजह से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
बता दें कि, उस स्थान को भूकंप का केंद्र कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, भूकंप का प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। परंतु यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.