India News (इंडिया न्यूज), Mass Marriage: जरा सोचिये कि कोई शख्श अपनी दूसरी शादी कारने जा रहा हो और जब उसे फेरों के टाइम ही पता लगे कि दुल्हन कोई और नहीं बल्कि खुद उसी की पहली पत्नी है। ऐसा ही कुछ हुआ छत्तीससगढ़ के चंपा जिले मे। एक मीडिया न्यूज के अनुसार यहां मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना के तहत 17 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया, जिसमें एक दूल्हा-दुल्हन के दोबारा विवाह करने का मामला सामने आया, जिसके बाद विभाग ने दूल्हा-दुल्हन को दिए गए 36 हजार के चेक वापस ले लिए और शेष सामान की राशि जो करीब 14 हजार है, उसके लिए भी नोटिस जारी किया गया है।
मामले में विकासखंड परियोजना अधिकारी का कहना है कि लापरवाही को ध्यान में रखते हुए कार्यालय की ओर से कार्यकर्ता और सुपरवाइजर दोनों को नोटिस जारी किया गया है और चेक भी वापस ले लिया गया है। साथ ही शादी का जोड़ा, श्रृंगार का सामान, शादी में हुए खर्च आदि की मूल राशि भी वापस करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा दूल्हे के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकती है। कार्यकर्ता का कहना है कि दुल्हन चांद साहू और दूल्हे नीलेश साहू ने शादी की बात छिपाई थी, उनकी शादी दूसरे गांव में हुई थी, इसलिए मुझे पता नहीं चल सका।
Mass Marriage
महिला एवं बाल विकास विभाग की अधिकारी कि 19 मार्च 2025 को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत मंगल भवन अकलतरा में 17 जोड़ों का विवाह कराया गया था, जिसमें शिकायत मिली थी कि ग्राम हरदी के जोड़े ने पहले 18 जनवरी 2025 को ग्राम कोसा में विवाह कर लिया है, जो तत्काल जांच के बाद सही पाया गया। संबंधित जोड़ों द्वारा शपथ पत्र दिया गया है जिसका सत्यापन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सरपंच द्वारा किया गया है। संबंधित जोड़े दुल्हन चांद साहू और ग्राम हरदी के दूल्हे नीलेश साहू ने विभाग को झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत कर योजना का लाभ लिया था।
झूठा शपथ पत्र देने वालों के खिलाफ विभाग द्वारा सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है। तथा संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूनीता साहू एवं पर्यवेक्षक सुनीता नामदेव को परियोजना अधिकारी अकलतरा द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही वर-वधू को दिए गए 36 हजार रुपए के चेक को निरस्त कर दिया गया है तथा शेष व्यय राशि 14 हजार रुपए संबंधित से वसूलने की कार्रवाई की जा रही है। फर्जी विवाह को रोकने के लिए जिला स्तर पर विभाग द्वारा यह कार्रवाई की गई है, ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाता है। इस आयोजन में ऐसे जोड़े शामिल होते हैं, जिनका पहले विवाह नहीं हुआ हो, वर की आयु 21 वर्ष से अधिक हो तथा वधू की आयु 18 वर्ष से अधिक हो। नियमानुसार आवेदकों से 50 रुपए के स्टांप पेपर पर शपथ पत्र लिया जाता है कि यह उनका पहला विवाह है तथा उनकी आयु शासन द्वारा निर्धारित आयु मापदंड के अनुसार है तथा उनके माता-पिता इससे सहमत हैं।