India News Delhi(इंडिया न्यूज़), Viral Video: उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला महाकुंभ चल रहा है। 13 जनवरी 2025 को शुरू होने वाला महाकुंभ 26 फरवरी 2025 को समाप्त होगा। गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान करने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। महाकुंभ में अब तक 57 करोड़ से ज्यादा लोग पवित्र स्नान कर चुके हैं।
सोशल मीडिया पर महाकुंभ के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। इनमें से कई वीडियो लोगों को शिक्षा देने वाले हैं, जबकि कुछ वीडियो देखकर लोग अपनी हंसी नहीं रोक पाते। अब इसी बीच सोशल मीडिया पर एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जो लोगों का ध्यान खींच रहा है। लोग इस वीडियो को कुंभ से जोड़ रहे हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। रेलवे अपने काम के लिए ऐसी लोडिंग वैन का इस्तेमाल करता है।
Viral Video
वीडियो में एक लोडिंग वैन ट्रेन की पटरी पर दौड़ती हुई दिखाई दे रही है। यह बिल्कुल अलग और अनोखी स्थिति है। वैन के पहिए निकालकर ट्रेन के पहिए लगा दिए गए हैं, जिससे यह पटरी पर दौड़ रही है। लोगों को यह जुगाड़ काफी पसंद आ रहा है। इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर @JATtilok_ नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है।
महाकुंभ जाने का लास्ट ऑप्शन 😑
क्योंकि ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं है, बसों के टिकट पहले से बुक हो चुके हैं और पर्सनल गाड़ी लेकर जाएँ तो पुलिस वाले 100-150 km पहले ही रुकवाकर वापिस भेज रहे हैं।😏 pic.twitter.com/nHVTRuOmDw
— Tiloka ram (@JATtilok_) February 15, 2025
वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा है, महाकुंभ में जाने का आखिरी विकल्प, क्योंकि ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं है, बस की टिकट पहले से बुक है और अगर आप निजी वाहन से जाते हैं तो पुलिस आपको 100-150 किलोमीटर पहले ही रोककर वापस भेज दे रही है। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
वायरल वीडियो को देखकर लोग खूब मजे ले रहे हैं. एक शख्स ने लिखा है, जबरदस्त जुगाड़, वहीं दूसरे शख्स का कहना है कि यह छोटी बुलेट ट्रेन जैसा है. कुछ लोगों ने चेतावनी दी कि जब असली ट्रेन सामने आती है तो काफी खतरनाक हो सकती है. दरअसल, इस वीडियो में दिख रही लोडिंग वैन का इस्तेमाल रेलवे कर्मचारी छोटे-मोटे सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए करते हैं। कुछ सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा रहा है। हालांकि कुछ लोगों ने इसे महाकुंभ से जोड़ दिया है, लेकिन ऐसा नहीं है।
57 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान के बाद भी अल्कलाइन वाटर से भी बेहतर गंगा जल