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Jyotiraditya Scindia: ‘इंडिया न्यूज़ मंच’ पर ज्योतिरादित्य सिंधिया, उत्तर पूर्वी राज्यों के विकास पर की चर्चा

'इंडिया न्यूज़ मंच' पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कई मुद्दों पर अपना मत रखा. इस दौरान उन्होंने उत्तर पूर्वी राज्यों के विकास, देश की राजनीति और संचार साथी ऐप मुद्दों पर अपना नजरिया रखा.

Written By: Deepika Pandey
Edited By: JP YADAV
Last Updated: 2025-12-17 15:50:26

Jyotiraditya Scindia: बुधवार को ‘इंडिया न्यूज़ मंच’ पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने उत्तर पूर्वी राज्यों को लेकर कहा कि ये हमारे देश की धरोहर है. ये प्राकृतिक, मानव संसाधन के रूप में सबसे क्षमतावान क्षेत्र है. हमें इन्हें बहुत आगे लेकर जाना है. साथ ही उन्होंने भारतीय राजनीति पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि राजनीति में मतभेद होना जरूरी है, लेकिन ध्यान रखना चाहिए की गाली-गलौज न हो. गाली का इस्तेमाल करना बहुत खराब है.

देश की धरोहर हैं उत्तर पूर्वी राज्य

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उत्तर पूर्वी राज्य देश की धरोहर हैं. भारत को आगे ले जाने के लिए ये प्राकृतिक, मानव संसाधन के रूप में सबसे क्षमतावान क्षेत्र है. बीते 10 सालों में यहां मॉन्यूमंटल परिवर्तन हुआ है. बीते सालों में पीएम मोदी ने खुद उत्तर पूर्वी राज्यों में प्रवास किया है. देश के इतिहास के 65 सालों में जितने पीएम ने उत्तर पूर्वी राज्यों का ददौरा किया है. आप उन सबको देख लीजिए कि वे सभी पीएम से कम बार उत्तर पूर्वी राज्यों का दौरा किया है. 

पीएम मोदी ने हर मंत्री को दिए हैं ये आदेश

उन्होंने हर मंत्री को आदेश दिया है कि उन्हें उत्तर पूर्वी राज्यों का दौरा करना ही है. भारत सरकार के मंत्रियों ने 350 से ज्यादा प्रवास कर लिया है. उत्तर पूर्वी क्षेत्रों का विकास करने के लिए सभी 52 मंत्रालयों की तरफ से 10 फीसदी ग्रॉस पर निवेश करना अनिवार्य है. 

राजनीति में गाली गलौज बहुत खराब

वहीं उन्होंने देश की राजनीति के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि देश में राजनीति बहुत जरूरी है. राजनीति में मतभेद होना भी जरूरी है. हालांकि ध्यान रखने वाली बात ये है कि राजनीति में गाली गलौज न हो. गाली गलौज का इस्तेमाल करना बहुत खराब है. 

संचार साथी पर क्या बोले सिंधिया

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार साथी को लेकर कहा कि इस टूल से सकारात्मक काम होंगे. अगर आप चाहें तो अपने फोन में इस ऐप को रख सकते हैं और चाहें, तो इस ऐप को हटा भी सकेंगे. लेकिन इसे लेकर विवाद चल रहा है. इस विरोध के बाद भी संचार साथी को 25000 से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है.

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