New Labour Codes 2025: सरकार (श्रम और रोजगार मंत्रालय) ने स्पष्ट किया है कि नए लेबर कोड के लागू होने के बाद कर्मचारियों की इन-हैंड सैलरी कम नहीं होगी. मतलब आपकी टेक-होम सैलरी पहले जैसा ही रहेगी. सरकार की ताज़ा घोषणा है कि नए लेबर कोड के लागू होने के बावजूद कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी (In-hand Salary) में कोई कटौती नहीं होगी और इसके पीछे का सैलरी कैलकुलेशन भी स्पष्ट किया गया है. नए लेबर कोड को लेकर कर्मचारियों के मन में बड़ा सवाल था कि कहीं उनकी टेक-होम सैलरी कम तो नहीं हो जाएगी?
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने साफ़ किया है कि नए लेबर कोड लागू होने के बाद भी कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी कम नहीं होगी बशर्ते कि PF (Provident Fund) की कटौती ₹15,000 वेज सीलिंग पर ही होती रहे, तो कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी में कोई बदलाव नहीं होगा.
क्या कोई सैलरी कट सकती है?
सैलरी तभी कट सकती है, यदि आप और आपकी कंपनी स्वेच्छा से PF की गणना ₹15,000 से ऊपर बढ़ी हुई बेसिक पर करने का निर्णय लेते हैं. मतलब यह बदलाव मंज़ूरशुदा विकल्प है, सरकारी नियम नहीं है. सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव आएगा (Basic का हिस्सा बढ़ेगा), लेकिन इसका सीधा असर टेक-होम सैलरी पर नहीं होगा. PF या अन्य कटौतियाँ विकल्प रूप से ज़्यादा हो सकती हैं सिर्फ अगर कर्मचारी और नियोक्ता दोनों सहमत हों.
किन कर्मचारियों की घट सकती है सैलरी?
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से दिए गए स्पष्टीकरण में यह बता दिया है कि उन कर्मचारियों की इन हैंड सैलरी या टेक होम सैलरी ही कम होगी, जिनका PF डिडक्शन मिनिमम वेज सीलिंग के के आधार पर नहीं है. इससे यह बात भी क्लियर होता है कि 15000 रुपये के ऊपर की बेसिक सैलरी होने पर पीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ाना कर्मचारी के ऊपर निर्भर करता है.
नए लेबर कोड में क्या बदला?
केंद्र सरकार की ओर से 4 नए लेबर कोड का असर करोड़ों कामगारों पर पड़ने वाला हैं. यानि इससे नियम सिंपल और यूनिफ़ॉर्म होंगे. अब Basic Pay + DA + Retaining Allowance मिलकर 50% होना चाहिए. इससे employers बिना कारण अलाउंस बढ़ा-कम कर सैलरी स्ट्रक्चर छेड़ नहीं सकेंगे. ग्रैच्युटी (Gratuity) के नियम आसान हो गए हैं. अब ग्रैच्युटी के लिए 5 साल का इंतजार नहीं करना होगा. अब श्रमिकों को ग्रैच्युटी के लिए केवल 1 साल काम करना भी काफी माना गया है. नए लेबर कोड के तहत प्रोविडेंट फंड का दायरा बढ़ाया गया है. इसके तहत वे सभी तरह के संस्था जहां 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं. उन्हें पीएफ की सुविधा देनी होगी. इससे पहले यह नियम सिर्फ नोटिफाइट सेक्टर पर ही लागू होता था.