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Gujarat education department action: गुजरात शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, 8 स्कूलों की मान्यता रद्द, जानें वजह

school recognition cancelled in Rajkot: राजकोट ज़िले में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। गांधीनगर शिक्षा विभाग ज़िले के 8 स्कूलों की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया कर रहा है।

Written By: shristi S
Last Updated: 2025-09-03 15:58:58

Rajkot school recognition cancelled: गुजरात के राजकोट (Rajkot) ज़िले में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। गांधीनगर शिक्षा विभाग ने ज़िले के 8 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कदम उन स्कूलों के खिलाफ उठाया गया है, जहां छात्रों की संख्या बेहद कम थी और अधिकांश बच्चे केवल शिक्षा के अधिकार (RTO) के अंतर्गत ही पढ़ाई कर रहे थे।

सर्वेक्षण से उजागर हुई हकीकत

इस वर्ष राजकोट ज़िला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा एक विस्तृत सर्वेक्षण कराया गया। जांच में सामने आया कि कई स्कूलों में केवल 5 से 12 छात्र ही पढ़ रहे थे। शिक्षा विभाग ने इतने कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को जारी रखना अव्यावहारिक माना। परिणामस्वरूप, जून-जुलाई के दौरान ही इन स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया था और सूची बनाकर गांधीनगर शिक्षा विभाग को भेज दी गई थी।

प्रभावित स्कूलों की सूची

जिन स्कूलों की मान्यता रद्द की गई है, उनमें मेटोडा स्थित रोटरी मिडटाउन, गोंडल स्थित विद्यामंदिर इंग्लिश स्कूल, धोराजी के मोतीमरद स्थित सरस्वती विद्यालय, जसदण स्थित श्रेयस संस्कार मंदिर, वासवद स्थित अवध विद्यालय, राधेकृष्ण प्राथमिक विद्यालय, गोंडल स्थित नव विधान विद्यालय प्राथमिक विद्यालय, शिवराजपुर स्थित शिव शक्ति विद्यालय शामिल हैं।

छात्रों का स्थानांतरण (Transfer)

इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के भविष्य को देखते हुए, शिक्षा विभाग ने उन्हें पास के अन्य मान्यता प्राप्त स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया है ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो।

अधिकारियों का पक्ष

जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी दीक्षित पटेल ने मीडिया को बताया कि निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कई स्कूलों में केवल 5, 7 या अधिकतम 12 बच्चे ही पढ़ रहे थे। इसके अलावा, लगभग सभी बच्चों ने आरटीई के तहत ही प्रवेश लिया था। सरकारी नियमों के अनुसार, इतनी कम संख्या वाले और केवल RTO पर आधारित स्कूलों को चलाना संभव नहीं है। इसी वजह से उन्हें बंद करना पड़ा।
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