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जानवरों की तरह हांफने लगे ट्रेनों के AC कोच, गर्मी में परेशान यात्री इस तरह ले अपना रिफंड

India News (इंडिया न्यूज),Railway ac coach: इन दिनों देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में ट्रेनों में सफर करने वाले यात्री आरामदायक सफर के लिए ज्यादा पैसे देकर एसी कोच में सीट बुक कराते हैं। लेकिन उन्हें एसी कोच में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नियमित रखरखाव […]

BY: Rajesh kumar • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज),Railway ac coach: इन दिनों देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में ट्रेनों में सफर करने वाले यात्री आरामदायक सफर के लिए ज्यादा पैसे देकर एसी कोच में सीट बुक कराते हैं। लेकिन उन्हें एसी कोच में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नियमित रखरखाव न होने के कारण रेलवे के एसी कोच यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। इन दिनों रेलवे को वंदे भारत, राजधानी समेत कई सुपरफास्ट, एक्सप्रेस ट्रेनों में एसी खराब होने की शिकायतें मिली हैं। इनमें से कई कोच की अगले स्टेशनों पर मरम्मत कर दी गई, जबकि कई जगह पूरा कोच ही बदलना पड़ा। गर्मी में एसी कोच बंद होने से यात्रियों को गर्मी और घुटन का सामना करना पड़ रहा है।

कोच में ऐसी दिक्कत क्यों आ रही है?

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इन दिनों जिन ट्रेनों में एसी की दिक्कत आ रही है, वे सामान्य श्रेणी की मेल एक्सप्रेस ट्रेनें हैं। जहां इनका प्राथमिक रखरखाव होता है, वहां कुछ न कुछ कमी रह जाती है। इसलिए भीषण गर्मी में एसी खराब होने की समस्या आती है। कई बार ट्रेन के एसी कोच में बैटरी में भी दिक्कत आ जाती है। इससे बिजली आपूर्ति बाधित होने लगती है और एसी काम करना बंद कर देता है।

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इसके अलावा भी कई तकनीकी कारण होते हैं। ट्रेनों के एसी कोच का रखरखाव जितना बेहतर होगा, एसी उतनी ही अच्छी कूलिंग करेगा। एक-दो मामलों को छोड़कर राजधानी, वंदे भारत, शताब्दी, तेजस जैसी ट्रेनों में एसी खराब होने की समस्या नहीं होती। वहीं, जिन ट्रेनों में कभी एसी बंद होने या काम न करने की शिकायत मिलती है, संबंधित रेलवे कर्मचारी तुरंत उसे ठीक करने में जुट जाते हैं। कई बार चलती ट्रेन में ही समस्या का समाधान हो जाता है। लेकिन कई बार ट्रेनों को अगले स्टेशन पर रोककर ठीक कर दिया जाता है।

ऐसे पा सकते हैं अपना रिफंड

  • आईआरसीटीसी के रिफंड नियम के मुताबिक, अगर यात्री एसी कोच में एसी काम न करने का दावा करता है, तो उसे रिफंड (अतिरिक्त पैसा वापस) मिलता है। यानी, भारतीय रेलवे वातानुकूलित कोच में एसी सुविधा न देने पर कुछ किराया राशि वापस करता है। हालांकि, इसके साथ कुछ शर्तें भी जुड़ी हैं।
  • अगर यात्री द्वारा बुक किया गया टिकट वातानुकूलित प्रथम श्रेणी का है, तो एसी प्रथम श्रेणी के किराए और प्रथम श्रेणी के किराए के बीच का अंतर दिया जाएगा।
  • यदि यात्री द्वारा बुक किया गया टिकट एसी द्वितीय श्रेणी या एसी तृतीय श्रेणी का है, तो उस स्थिति में एसी द्वितीय श्रेणी या एसी तृतीय श्रेणी के किराए और स्लीपर श्रेणी के किराए के बीच का अंतर प्रदान किया जाएगा। यह शर्त मेल और एक्सप्रेस दोनों ट्रेनों के लिए मान्य है।
  • यदि टिकट एसी चेयर कार का है, तो यात्री से मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में एसी चेयर कार के किराए और द्वितीय श्रेणी के किराए के बीच का अंतर लिया जाएगा।
  • यदि यात्री द्वारा बुक किया गया टिकट एग्जीक्यूटिव श्रेणी का है, तो संबंधित सेक्शन के लिए अधिसूचित एग्जीक्यूटिव श्रेणी के किराए और उस सेक्शन की संबंधित दूरी के लिए प्रथम श्रेणी के किराए के बीच का अंतर लिया जाएगा।

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यहां ऑनलाइन टीडीआर फाइल करें

यदि यात्री के पास ई-टिकट है, तो यात्री को अपने गंतव्य पर ट्रेन के वास्तविक आगमन समय के बीस घंटे बाद तक ऑनलाइन टीडीआर फाइल करना होगा। इसके बाद यात्री को इसे मूल प्रमाण पत्र (जीसी/ईएफटी) के साथ ग्रुप जनरल मैनेजर/आईटी, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड, इंटरनेट टिकटिंग सेंटर, आईआरसीए बिल्डिंग, स्टेट एंट्री रोड, नई दिल्ली-110055 को डाक के माध्यम से भेजना होगा।

यदि यात्री के पास आई-टिकट है, तो उसे यात्रा के समय टिकट चेकिंग स्टाफ (TTE) द्वारा जारी किया गया मूल प्रमाण पत्र (GC/EFT) उपरोक्त पते पर भेजना होगा। यात्री को ध्यान रखना होगा कि रेलवे मूल प्रमाण पत्र (GC/EFT) प्राप्त करने के बाद ही TDR के माध्यम से रिफंड की प्रक्रिया करेगा। IRCTC द्वारा दावा संबंधित क्षेत्रीय रेलवे को भेजा जाएगा जिसके अधिकार क्षेत्र में ट्रेन गंतव्य आती है। इस प्रकार, राशि यात्री के उसी खाते में जमा की जाएगी जिसके माध्यम से भुगतान किया गया था।

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