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Abbas Ansari Who Is The Threat To Abbas Ansaris Life He Himself Made A Shocking Revelation
अब्बास अंसारी की जान को है किससे खतरा, खुद किया हैरान कर देने वाला खुलासा
India News (इंडिया न्यूज़),Abbas Ansari: उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी ने मुठभेड़ में मारे जाने की आशंका व्यक्त करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि उन्हें गैंगस्टर अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में निचली अदालत की कार्यवाही में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होने की अनुमति दी जाए। अंसारी सुहेलदेव […]
India News (इंडिया न्यूज़),Abbas Ansari: उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी ने मुठभेड़ में मारे जाने की आशंका व्यक्त करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि उन्हें गैंगस्टर अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में निचली अदालत की कार्यवाही में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होने की अनुमति दी जाए। अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के टिकट पर राज्य के मऊ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ को सूचित किया कि वह (अब्बास) कासगंज जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश हो रहे थे, लेकिन यह सुविधा बंद कर दी गई है।
अदालती कार्यवाही में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की अनुमति
पिछले साल पांच बार के विधायक मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने के बाद रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। सिब्बल ने कहा, “कृपया मुझे अदालती कार्यवाही में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की अनुमति दें। मिल्कीपुर उपचुनाव में राजनीतिक लड़ाई दिलचस्प हुई, अखिलेश के करीबी नेता ने भाजपा के लिए किया प्रचार
शीर्ष अदालत राज्य के चित्रकूट जिले में कथित तौर पर एक गिरोह चलाने के मामले में अब्बास की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है। अदालत ने अब्बास की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा और सिब्बल से कहा कि उनकी याचिका में ‘वर्चुअल’ सुनवाई के बारे में कोई तर्क नहीं दिया गया है।न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सिब्बल से याचिका लेकर हाईकोर्ट जाने को कहा। सिब्बल ने कहा कि हाईकोर्ट जाने का मतलब होगा कि जब तक मामले की सुनवाई होगी तब तक अब्बास को अदालत ले जाया जाएगा।
पीठ ने अपने आदेश में निर्देश दिया कि अगर वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई के लिए अपनी याचिका लेकर हाईकोर्ट जाते हैं तो उस पर तुरंत सुनवाई होनी चाहिए। सिब्बल ने कहा कि अब्बास पर चित्रकूट में आपराधिक गिरोह चलाने का आरोप है, जो कासगंज से 450 किलोमीटर दूर स्थित है, जहां वह फिलहाल जेल में बंद है।
उन्होंने कहा, ‘इस एफआईआर में मामले के समान ही आरोप हैं अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। मैं (अब्बास) इस मामले में डेढ़ साल से जेल में हूं। कृपया मुझे जमानत दे दीजिए।’
यूपी सरकार ने क्या कहा?
यूपी सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि अब्बास अंसारी ने मामले में जमानत के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता मिलने के बाद याचिका वापस ले ली।
यूपी सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा
उन्होंने कहा, ‘उच्च न्यायालय ने मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और अब उन्होंने फिर से सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। कृपया मुझे इस याचिका पर जवाब दाखिल करने की अनुमति दें।’ पीठ ने नोटिस जारी कर यूपी सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा।
पिछले साल 18 दिसंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उस मामले में अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी जिसमें उन पर और कुछ अन्य पर वित्तीय और अन्य लाभों के लिए गिरोह बनाने का आरोप लगाया गया था।
चित्रकूट जिले के कोतवाली कर्वी थाने में 31 अगस्त 2024 को अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ यूपी गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 की धारा 2, 3 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन पर जबरन वसूली और मारपीट का आरोप लगाया गया था।