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गुरु-शिष्य में संपति को लेकर रहा गहरा विवाद
इंडिया न्यूज, प्रयागराज:
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव Mahant Narendra Giri (70) की मौत के बाद हर दिन कोई न कोई पहलू सामने आ रहा है। संपत्ति की बात करें तो नरेंद्र गिरि का यूपी समेत 4 राज्यों में आकूत संपत्ति का मालिकाना हक रहा है। बताया गया है कि निरंजनी अखाड़ा और बाघंबरी गद्दी की करीब 3 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति होने का अनुमान है। शिष्य आनंद गिरि पर पहले भी नरेंद्र गिरि को परेशान करने और अखाड़े की संपत्ति बेचने का आरोप लगा था। इसे लेकर गुरु-शिष्य के बीच काफी समय तक विवाद चला और फिर बाद में सुलह हो गई थी।
गुरु-शिष्य में प्रयागराज की संपत्ति को लेकर सबसे ज्यादा विवाद होता रहा है। निरंजनी अखाड़ा 900 साल और बाघंबरी गद्दी 300 साल पुरानी है। नरेंद्र गिरि श्री पंचायती तपोनिधि निरंजन अखाड़े के महंत और सचिव भी रहे हैं।
प्रयागराज के इलाके अल्लापुर में बाघंबरी गद्दी और मठ है, जो करीब 5 से 6 बीघा जमीन में है। यहीं पर निरंजनी अखाड़े के नाम एक स्कूल और गोशाला भी स्थापित है। संगम से सटे दारागंज इलाके में भी अखाड़े की जमीन है।
इनके अलावा मिजार्पुर के नैडी में 70 और सिगड़ा में 70 बीघा जमीन है। एक अनुमान के मुताबिक, प्रयागराज और आसपास के इलाकों में निरंजनी अखाड़े के मठ, मंदिर और जमीन की कुल कीमत की बात की जाए तो 300 करोड़ से ज्यादा की है, जबकि हरिद्वार और दूसरे राज्यों में संपत्ति की कीमत जोड़ें तो वो तीन हजार करोड़ के आसपास की है। मांडा (प्रयागराज) में 100 बीघा और मिजार्पुर के महुआरी में भी 400 बीघा से ज्यादा की जमीन बाघंबरी मठ के नाम है।
कुंभ नगरी उज्जैन और ओंकारेश्वर में निरंजनी अखाड़े की 250 बीघा जमीन, आधा दर्जन मठ और दर्जन भर आश्रम हैं। कुंभ नगरी नासिक में 100 बीघा से अधिक जमीन, दर्जनभर आश्रम और मंदिर हैं। बड़ौदा, जयपुर, माउंट आबू में भी करीब 125 बीघा जमीन, दर्जनभर मंदिर और आश्रम हैं। हरिद्वार स्थित मुख्यालय के अधीन कई मठ-मंदिर हैं। नोएडा में मंदिर और 50 बीघा जमीन है। वाराणसी में मंदिर और करोड़ों की जमीन है।
4 माह पहले महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि उन्होंने बाघंबरी गद्दी की 8 बीघा जमीन को बेचा था, जिसका हिसाब कोर्ट में दिया गया था। वहीं, अखाड़े से निष्कासन के बाद नाराज शिष्य आनंद ने आरोप लगाया था कि 2012 में महंत नरेंद्र ने गद्दी की 8 बीघा जमीन सपा के तत्कालीन विधायक को 40 करोड़ रुपए में बेच दी थी। यह जमीन प्रयागराज के अल्लापुर इलाके में है।
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