संबंधित खबरें
Raebareli Crime News: बिस्किट देने के बहाने मासूम को बुलाया… खून से सनी घर पहुंची; दर्द सुन कांप उठे घरवाले
यूपी में भेड़िया के बाद बाघ का आतंक! हमले में किसान को उतारा मौत के घाट
पुलिस के एक्शन पर अखिलेश ने लिखी ये शायरी, नज्म पोस्ट कर योगी सरकार पर साधा निशाना
Sambhal Jama Masjid: जामा मस्जिद में मंदिर होने की बात से मची हलचल, पुलिस और RRF शहर में अलर्ट
अखिलेश यादव ने BJP पर कसा तंज, 'सबसे अधिक अधर्मी BJP है, वो धर्म के रास्ते पर नहीं चलते, आप सबने देखा'
'ज़ुल्मी हुक्मरानों ने ला दिया है ऐसे हालातों में…'; शायराना अंदाज में BJP पर अखिलेश यादव ने बोला हमला
India News UP(इंडिया न्यूज),Allahabad High Court: यूपी के इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट पर दुरुपयोग करने वालों पर चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने आदेश भी जारी किए हैं। कोर्ट ने इस एड से जुड़े आर्थिक लाभ पर खास करके चिंता जाहिर की है। इसके साथ ही कोर्ट की तरफ से राज्य सरकार को निर्देश देते हुए निगरानी तंत्र बनाने के लिए भी कहा गया है। कोर्ट ने कहा है की झूठी शिकायत तो देने वालों को खिलाफ इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले पर टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि जब तक निगरानी तंत्र नहीं बनाया जाता है, तब तक एफआईआर दर्ज होने से पहले घटना और आरोपी का सत्यापन किया जाए। इसके साथ ही वास्तव में पीड़ित को भी सुरक्षा और मुआवजा दिया जाए पूर्णिमा झूठी कंप्लेंट के खिलाफ मौज देने वालों को धारा 182 और 214 के तहत सजा सुनाई जाएगी। कोर्ट ने कहा कि यह कानून का दुरुपयोग होने से न्याय प्रणाली पर संदेह और जन्म विश्वास को लगातार नुकसान पहुंचता है।
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिहारी और दो अन्य याचिकाओं पर सुनवाई की। इस पर जस्टिस मंजू रानी चौहान ने यह टिप्पणी की। कोर्ट ने आगे कहा कि झूठी शिकायत दर्ज करने के मामले में 75 हजार रुपये का मुआवजा वापस किया जाए और दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के बाद अदालत में लंबित सीसी-एसटी एक्ट के तहत मामला रद्द किया जाए। कोर्ट में पेश मामला संभल के कैला देवी थाने का है। इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज करायी गयी है।
Rajasthan Weather: इस दिन से फिर शुरू होगा बारिश का दौर, जानें आज कैसा रहेगा मौसम
मौखिक सुनवाई में अदालत ने वादी को हर्जाना दावा अदा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि जिला सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से तैयार ड्राफ्ट डीएम को सौंपा जाये। हाई कोर्ट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। अदालत ने दोनों पक्षों के बीच समझौते को वैध माना और कहा कि 25,000 रुपये का शेष मुआवजा नहीं दिया जाना चाहिए। यदि कोई झूठा दावा दायर कर मुआवजा मांगता है तो उसे दंडित किया जाए।
UP Weather: सावधान! यूपी के इन जिलों में बारिश बढ़ाएगी परेशानी, जान लें अपने शहर का हाल
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.