India News(इंडिया न्यूज़), Ayodhya News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में कार्तिक शुक्ल पक्ष अक्षय नवमी तिथि से शुरू होने वाला कार्तिक पूर्णिमा और परिक्रमा मेला सोमवार की देर रात शुरू हुआ। हालांकि परिक्रमा आरंभ करने का मुहूर्त रात 2:09 बजे से थे लेकिन रात 9 बजते-बजते श्रद्धालुओं का जन सौलाब परिक्रमा पथ पर उमड़ने लगा।
मठ-मंदिरों में दर्शन-पूजन
14 कोसी परिक्रमा के साथ शुरू हुआ कार्तिक मेला मंगलवार को पूरे शबाब पर पहुंच गया। सोमवार की रात शुरू हुई परिक्रमा पूरी हो गई। 42 किलोमीटर की परिधि में जुड़वा शहर मानव श्रृंखला से घिरा रहा।
परिक्रमा पूरी होने के साथ आस्था का समुद्र सरयू तट से प्रमुख मठ-मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए जन सौलाब उमड़ने लगा। देर शाम तक भक्तो की भीड़ से समूचा मेला क्षेत्र गुलजार रहा। प्रशासन शासन का दावा है कि करीब 22 लाख श्रद्धालुओं ने 14 कोसी परिक्रमा की है। आज रात से पंचकोसी परिक्रमा का शुभारंभ होगा।
मानव श्रृंखला से बंध गया
कार्तिक शुक्ल पक्ष अक्षय नवमी से शुरू होने वाला कार्तिक पूर्णिमा व परिक्रमा मेला सोमवार की देर रात शुरू हुआ। हालांकि परिक्रमा शुभारंभ करने का मुहूर्त रात 2:09 बजे से थे लेकिन रात 9 बजते-बजते श्रद्धालुओं का कारवां परिक्रमा पथ पर उमड़ने लगा।
मध्य रात्रि होते-होते लगभग 42 किलोमीटर से ज्यादा की परिधि में अयोध्या-फैजाबाद जुड़वा शहर को समेटे परिक्रमा पथ परिक्रमार्थियों की मानव श्रृंखला से बंध गया। प्रशासन का कहना है कि परिक्रमा मंगलवार की शाम करीब सात बजे तक चली। मंगलवार को पूरे दिन भक्त परिक्रमा पथ नापते नजर आए।
भोर से शुरू हुआ दर्शन-पूजन
वहीं परिक्रमा पूरी होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ पुण्य सलिला सरयू में डुबकी लगा स्नान-दान कर प्रमुख मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए लग गई। प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी, नागेश्वरनाथ, कनक भवन के साथ राम जन्मभूमि पर भोर से शुरू हुआ दर्शन-पूजन का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा।
भीड़ का दबाव सबसे अधिक
मंगलवार होने के नाते सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में भीड़ का दबाव सबसे अधिक रहा।मंदिर सुबह 3 बजे से ही खोल दिया गया था। सुबह सात बजते-बजते भारी भीड़ के दबाव से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में सभी बैरियर को गिराकर भीड़ नियंत्रण के लिए श्रद्धालुओं को जत्थे में दर्शन के लिए भेजा गया। वही दूसरी बेला होते-होते मेला क्षेत्र से श्रद्धालुओं को दर्शन कर वापसी शुरू होने लगी।
रामलला के दरबार में लगाई हाजिरी
सुबह के करीब 8 बजे थे, पूरा सरयू तट जयकारों से गूंज रहा था। घाटों पर पैर रखने की जगह नहीं थी। लाखों श्रद्धालु पुण्यार्जन की होड़ में घाटों पर बढ़े चले जा रहे थे। कुछ स्नान कर परिक्रमा शुरू करने की तैयारी में थे तो कुछ परिक्रमा पूरी करने के बाद स्नान करने आ रहे थे।
सरयू की लहरों का प्रवाह
कीर्तन करते श्रद्धालुओं की भीड़ से घाटों पर सरयू की लहरों का प्रवाह तो था ही,आस्था का भी प्रवाह नजर आ रहा था।अयोध्या मे रामलला के दरबार में भी दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की भीड़ रही। दोनों पालियों में करीब 24 हजार भक्तों ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। पहली पाली में जहां ग्यारह हजार तो दूसरी पाली में तेरह हजार भक्त रामलला की पूजा-अर्चना करने पहुंचे।
प्रशासन ने ली राहत की सांस
14 कोसी परिक्रमा समाप्त होने के बाद जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है। वहीं, अब पंचकोसी परिक्रमा की तैयारी शुरू कर दी गई है। पंच कोसी परिक्रमा का शुभ मुहूर्त 22 नवंबर की रात 9:25 बजे से है। परिक्रमा 23 नवंबर की शाम 7:21 बजे तक चलेगी। यह परिक्रमा रामनगरी की पन्द्रह किलोमीटर की परिधि में होती है। प्रशासन ने अब पंचकोसी परिक्रमा पथ को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया है।
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