Ayodhya Vision 2047: अयोध्या को मिलेगा दिवाली गिफ्ट, 25 साल बाद की राम नगरी का खाका तैयार
इंडिया न्यूज, अयोध्या: Ayodhya Vision 2047: उत्तर प्रदेश में श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या में तीन दिन बाद 5वां दीपोत्सव मनाया जाना है। अयोध्या के भविष्य का डॉक्यूमेंट तैयार हो गया है। यह खाका अयोध्या के लोगों के लिए राज्य सरकार का असली दिवाली गिफ्ट है। अयोध्या का साल 2047 के विजन डॉक्यूमेंट में […]
इंडिया न्यूज, अयोध्या: Ayodhya Vision 2047: उत्तर प्रदेश में श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या में तीन दिन बाद 5वां दीपोत्सव मनाया जाना है। अयोध्या के भविष्य का डॉक्यूमेंट तैयार हो गया है। यह खाका अयोध्या के लोगों के लिए राज्य सरकार का असली दिवाली गिफ्ट है। अयोध्या का साल 2047 के विजन डॉक्यूमेंट में 25 साल बाद की राम नगरी का खाका खींचा गया है। अयोध्या के साल 2047 के इस विकास के ब्लूप्रिंट में 25 हजार करोड़ रुपए के 325 प्रोजेक्ट्स शामिल हैं, जो राम नगरी को हेरिटेज और वर्ल्ड क्लास स्मार्ट लुक देंने का काम करेंगे।
इन सभी प्रोजेक्ट्स की डेडलाइन साल 2047 रखी गई है यानी भारत की आजादी के 100 साल पूरे होने पर, इस प्रोजेक्ट के जरिए अयोध्या को देश का सबसे दिव्य और भव्य शहर बनाने का विजन रखा गया है। 3 नवंबर को अयोध्या में सीएम योगी आदित्यनाथ के दीपोत्सव मनाने से पहले उनके सामने ये विजन डॉक्यूमेंट पेश किया जाएगा। प्रोजेक्ट्स पूरे करने को लेकर अंतिम मुहर लगेगी। इन सभी प्रोजेक्ट्स को स्क्रीन पर देश भर से आए 10 हजार अतिथियों को भी दिखाया जाएगा।
पीएम मोदी ने खारिज कर दिया था खाका Ayodhya Vision 2047
पीएम नरेंद्र मोदी ने इसी साल 26 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अयोध्या के विजन डॉक्यूमेंट का प्रजेंटेशन देखा था, लेकिन पीएम ने इसे खारिज कर दिया था। पीएम मोदी ने इसे दुबारा नए सिरे से बनाने को लेकर निर्देश और सुझाव दिए थे। अब पीएम के सुझाव के हिसाब से इसमें बदलाव किए गए हैं। दीपोत्सव समारोह के दौरान यूपी सरकार 30 मिनट का विजन डॉक्यूमेंट पेश करेगी जिससे जनता को अयोध्या के विकास लेकर सरकार की कोशिश का पता चल सके।
अयोध्या का विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए प्रयागराज, काशी, मथुरा, उज्जैन, तिरूपति, सोमनाथ मंदिर का अध्ययन किया।
इसके साथ ही कंबोडिया से लेकर वेटिकन सिटी तक के विकास मॉडल, विकास व बेंचमार्क के भी पन्ने पलटे गए हैं।
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के मुताबिक, अयोध्या को मिनी भारत के रूप में प्रोजेक्ट किया जाएगा।
शहर के विकास में आध्यात्मिकता के साथ आधुनिकता के समावेश पर फोकस होगा।
वैदिक नगर के रूप में विकसित किया जाएगा। रामायण युग के और पौराणिक महत्व वाले जलाशयों, कुंडों, झीलों को संरक्षित किया जाएगा।
समरस शहर बनाने के लिए वाल्मीकि रामायण युग की 88 प्रजातियों के 27000 पेड़ भी लगाए जाएंगे।
स्मार्ट सिटी के तहत इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, मल्टीलेवल कार पार्किंग, बाहरी रिंग रोड और ग्रीन एनर्जी पर फोकस किया जाएगा।
जानिए क्या है अयोध्या का विजन-2047
विदेशी पर्यटकों से लिया फीडबैक: विजन डॉक्यूमेंट पांच हजार लोगों और 500 दुनिया भर के पर्यटकों के सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। विजन डॉक्यूमेंट पूरे होने से 4 लाख लोगों को सीधे तौर पर रोजगार और 8 लाख से ज्यादा को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा।
मयार्दा पुरुषोत्तम श्री राम हवाई अड्डा: इसके लिए 79 प्रतिशत भूमि मिल चुकी है।
ग्रीन फील्ड टाउनशिप का प्लान: अयोध्या के अन्दर 12 सौ एकड़ भूमि में नव्य अयोध्या के तहत ग्रीन फील्ड टाउनशिप तैयार की जाएगी। इसमें मठ, आश्रम, राज्य के गेस्ट हाउस, अंतरराष्ट्रीय भवन, हॉस्पिटल, स्कूल, होटल, आवासीय प्लॉट होंगे।
भव्य प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे: अयोध्या में चार मुख्य राम द्वार का निर्माण किया जाएगा। गेट का डिजाइन राम मंदिर के डिजाइन से प्रेरित होगा।
पर्यटन सुविधा केंद्र: अयोध्या के हाईवे रूट पर बने 6 प्रवेश द्वारों पर धर्मशाला का निर्माण किया जाएगा। लखनऊ मार्ग पर 600 कमरे, रायबरेली मार्ग पर 200 कमरे, प्रयागराज मार्ग पर 200 कमरे, आजमगढ़ मार्ग पर 250 कमरे, गोंडा मार्ग पर 370 कमरे, गोरखपुर मार्ग पर 210 कमरे होंगे।
अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और संस्कृति विभाग 200 करोड़ की लागत से पर्यटन सुविधा केंद्र और अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय का निर्माण करेंगे।
रिवर फ्रंट डेवलपमेंट: सरयू तट डेवलपमेंट की भी योजना है, जिसमें 2300 एकड़ में रामायण स्प्रिचुअल फॉरेस्ट तैयार किया जाएगा। इसमें रामायण स्प्रिरिचुअल थीम पार्क भी होगा।